देखना है ज़ोर कितना बाज़ुए क़ातिल में है।।
अच्छे दिन, भ्रष्टाचार और भय मुक्त शासन के नारे के साथ योगी द्वारा प्रदेश के मुखमंत्री पद की शपथ लेते ही इलाहाबाद में अपराधियों ने क़ानून व्यवस्था को धता बताते हुए पूर्व ब्लॉक प्रमुख की हत्या कर दी, उसके बाद फिर जिस सिलसिलेवार तरीके से बलात्कार, लूट, हत्याएं हुईं उसने प्रदेश सरकार के दावे की पोल खोल दी।
ना जाने वह कौन सी बेबसी है जो मुख्यमंत्री को अपराधियों पर कार्यवाही नहीं करने दे रही है। यही कारण इस खीज को मिटाने के लिए सरकार ने गोदी मीडिया को इसे उसी तरह से दिखाने का निर्देश दिया जिस तरह वह चाहते थे ताकि सबकुछ होने के बावजूद कुछ नहीं हो रहा है। ऐसा जतला के लोगों को फीलगुड करा सकें, मगर इनके राह में रुकावट बनने लगे प्रदेश के इंसाफपसन्द, न्यायपसन्द लोग और संस्थाएं। यही वजह थी उन्होंने खीज मिटाने के लिए और लोगों को डराने के लिए ताकि कोई आवाज़ ना उठा सके सख्त कार्यवाही की आड़ में खुला उत्पीड़न शुरू कर रखा है।
योगी जी अगर आप समझते हैं ज़ुल्म और ज़्यादती से सच्चाई की आवाज़ दबाकर इंसाफपसन्द लोगों को जेलों में डालकर आप अपनी सत्ता बचाने में कामयाब हो जाएंगे तो ये आपकी भूल है। यूपी की जनता को जेलों में रखने के लिए आपकी जेलों में जगह कम पड़ जायेगी और लोग आपकी तरह मुक़दमा से घबराके रोयेंगे नहीं बल्कि फ़िज़ाओं मे ये नारा घुल जायेगा –
कि ज़ुल्मी जब-जब ज़ुल्म करेगा सत्ता के हथियारों से,
चप्पा चप्पा गूंज उठेगा इंकेलाब के नारों से ।।।