मुस्तफा के पिता मुफद्दल बताते हैं मुस्तफा बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज था। पढ़ाई के लिए उस पर कभी दबाव नहीं डाला गया। वह सीएस बनना चाहता था। मुस्तफा के पिता बताते हैं कि सीएस बनना उसका सपना था और इसे पूरा करने के लिए कभी उसे रोका नहीं गया। मुस्तफा का सपना सीएस बनकर कॉर्पोरेट कंपनी में जॉब करना हैं।
हालाँकि, हमारे देश में हिंदुस्तानी मुसलमानों को एक अलग ही नजर से देखा जाता है लेकिन इतिहास गवाह है कि, जब भी इस देश के लिए जरुरत पड़ी है तो हिंदू भाइयों के साथ-साथ मुस्लिम भाइयों ने भी इस देश की तरक्की में अपना पूरा-पूरा योगदान दिया है और इसे खुले तौर पर नकारा नहीं जा सकता हैं