यरूशलम के पुराने शहर में इस मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। रमजान के दौरान, इज़रायल के अधिकारियों ने 40 से अधिक आयु के पुरुषों और 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को छोड़ बाकी सभी उम्र के लोगों को बिना परमिट आने की अनुमति दी जिसकी आमतौर पर चौकियों को पार करने और क्षेत्र से बाहर निकलने के लिए जरुरत होती है।
मुसलमानों के लिए पवित्र यरूशलम में अल-अक्सा मस्जिद है जो इस्लाम के तीसरी सबसे पवित्र स्थल का प्रतिनिधित्व करता है। इस्लामी मान्यता के अनुसार यह वह जगह है जहां से पैगंबर मोहम्मद (सल्ल) ने जन्नत की यात्रा शुरू की थी।
1967 के मध्य पूर्व युद्ध के दौरान ईसाईयों ने पूर्व यरूशलम और वेस्ट बैंक पर कब्जा कर लिया और बाद में वर्ष 1980 में पवित्र शहर पर कब्जा लिया और स्वयं घोषणा कर इसको यहूदी राज्य की एकीकृत राजधानी बना लिया जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता नहीं मिली है।