क्या था मामला
कश्ती गाँव में प्रत्येक शनिवार को जानवरों की मंडी लगती है. गौरक्षकों ने बताया की उनकी 11 लोगो की टीम वहां तहकीकात करने पहुंचे की यहाँ अवैध रूप से गाय तो नही बेचीं जा रही हालाँकि यह नही बता पाए की पुलिस के होते हुए वो खुद क्यों पुलिस कार्यवाही करने पहुंचे.
वहां जाकर उन्होंने गायों से भरा एक टेम्पो रोका जिसपर गौरक्षकों का कहना है की उन्हें शक था की यह गाय कसाईखाने ले जाई जा रही है. जिसके बाद वहां मौजूद 50 लोगों ने उनकी पिटाई कर दी। इन लोगों के खिलाफ पुलिस ने हत्या की कोशिश करने का मामल दर्ज कर लिया है। मामले में कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र पुलिस ने टैम्पों मालिक और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है.
‘मानद पशु कल्याण अधिकारी’ होने का दावा करने वाले पुणे के शिवशंकर राजेंद्र स्वामी ने कहा कि हर शनिवार को कश्ती गांव में जानवरों का प्रसिद्ध बाजार लगता है। वो और 11 गौरक्षकों की एक टीम शनिवार सुबह श्रीगोंडा तालुका यह पता करने आए थे कि इस बाजार में गायों को अवैध रूप से तो नहीं लाया जाता। 24 साल के स्वामी पुणे में गायों की अवैध ढुलाई और वध को लेकर दर्ज किए गए करीब 300 मामलों में शिकायतकर्ता हैं।
उन्होंने बताया कि जब हम पुलिस स्टेशन से निकले तो वहां पर कुछ मीडियाकर्मी मौजूद थे। उसी वक्त 50 लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। जिन्होंने हमारे ऊपर हमला कर दिया और हमारी पिटाई की। इस हमले में हमारे कुछ कार्यकर्ता घायल हो गई। वहीं इस हमले में भीड़ ने हमारे कुछ कार्यकर्ताओं की सोनी की चेन भी छीन ली। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को वहां से खदेड़ा।