मुल्लो तुम्हारा कुछ नही हो सकता, अपने योगी जी ने देखो तुम्हारे कानून को अपनाया, और तुम उनके ‘संघी लठ’ को उनकी ‘प्रति-मजनू सेना’ पर पटक रहे हो, मुलैटो तुम्हारे धर्म के अनुसार-“अगर कोई स्त्री किसी अजनबी पुरुष के साथ सहवास करे तो उसे बीच चौराहे पर पत्थर पटक पटक कर मार देना चाहिए”, तो फिर तुम ब्रिगेड के पड़ने वाले संघी लठों पर क्यों हाय तौबा कर रहे हो बे,
क्यों बे मुलैटो? तुम क्या समझते हो गोस्तखोर क्या सिर्फ तुम हो, कान के साथ साथ बाकि के भट खोल के सुनो बे, जब 14 मुलैटे गुर्दे कलेजियां खाते हैं तब हम 57 कट्टर संघी कीमा कोफ्ता उधेड़ते हैं, तुमसे ज्यादा दुःख हमे है, तुम्हारा चूतिया विरोध ही योगी जी को अपने फैंसले पर अडिग रख रहा है, तुमने ही ठेका लिया है क्या सारे मसलो पर चिल्लम पौं करने का? तुम जब ऊह्ह्ह अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ करते हो, कहीं भी जाते हुए तीर को, उड़ते उढ़ाते तीर को, लपककर अपनी गुदा में क्यों घुसेड़ लेते हो, तुम्हारा उड़ता तीर पिछवाड़े में ले लेने के बाद होने वाली चीखो पुकार से हम भक्तों को को बड़ा ही आनंद आता है… हम यही तो चाहते हैं कि तुम सिर्फ चीखो चिल्लाओ….
पर खबरदार! सडिभो वालों हमारा गोस्त बंद मत करवाओ
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