उन्होंने कहा, तुर्की अंतरराष्ट्रीय संगठनों के समक्ष इस मुद्दे को उठाएगा. उन्होंने कहा यह संयुक्त राष्ट्र की महासभा [19 सितंबर को] हमारे एजेंडे पर होगा. ध्यान रहे म्यांमार सुरक्षा बलों ने हजारों रोहिंग्या मुस्लिम ग्रामीणों को विस्थापित करने के लिए मोर्टारों और मशीनगनों के साथ असंतुलित ताकतों का इस्तेमाल किया. इस दौरान उनके घरों को नष्ट कर दिया.
मिली जानकारी के अनुसार पॉप फ्रांसिस साल के अंत में म्यांमार का दौरा करेंगे. वो यह दौरा ,रोहिंग्या मुस्लिमो पर हो रहे अत्याचारों को दुनियो की नजरो में लाने के मकसद कर रहे है. इसके अलावा वो तीन दिन के लिए बांग्लादेश के दौरे पर भी जायेंगे. यह पहली बार होगा जब कोई पॉप म्यांमार की यात्रा पर जायेगा.
वेटिकन की और से जारी बयान में कहा गया की पॉप फ्रांसिस 27 से 30 नवम्बर तक म्यांमार के दौरे पर रहेंगे. इसके बाद 30 नवम्बर को ही वो बांग्लादेश के लिए रवाना हो जायेंगे. यहाँ से वो 2 दिसम्बर को वापिस वेटिकन लौट जायेंगे. पॉप फ्रांसिस पहले भी कई बार रोहिंग्या मुस्लिमो पर हो रहे अत्याचारों के बारे में अपना दुःख प्रकट कर चुके है. इसलिए म्यांमार की उनकी यात्रा काफी महत्तव रखती है. बताते चले की म्यांमार में बोद्ध धर्म के लोगो की संख्या बहुतयात में है.
म्यांमार के राखिने में एक बार फिर से बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू हो चुकी है. अब तक म्यांमार सेना की कार्रवाई में 100 से ज्यादा लोगों की मौते हो चुकी है. जिनमे ज्यादातर रोहिंग्या मुसलमान है. रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा को लेकर ईरान ने चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम क़ासेमी ने कहा कि म्यांमार की सरकार को इस देश के मुसलमानों के अधिकारों के हनन को रोकना चाहिए.
उन्होंने म्यांमार की सरकार से कहा कि वह देश में शांतिपूर्ण जीवन व शांति स्थापना के लिए युक्तिपूर्ण और सही नीतियों के साथ क़दम उठाए. ध्यान रहे राखिने में एक बार फिर से म्यांमार सरकार ने सैन्य अभियान शुरू किया है. जिसमे म्यांमार सरकार ने रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ खुली छुट दी हुई है. रोहिंग्या मुस्लिमों को देखते ही गोली मारी जा रही है. इसी के साथ बौद्ध चरमपंथियों की भी हिंसा जारी है. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा था कि रोहिंग्या मुसलमान अत्यंत ख़तरनाक हालात में जीवन बिताने के लिए मजबूर हैं.