मेनका गांधी नहीं मानती आत्महत्याग्रस्त 91,528 लोगो को पुरुष

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नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने गुरुवार को उस वक्त लोगों को हैरान कर दिया जब उन्होंने कहा कि पुरुष आत्महत्या नहीं करते। उन्होंने तो यह तक कहा कि अब तक उन्होंने एक भी ऐसा मामला नहीं देखा। उन्होंने यह बात फेसबुक पर लाइव सेशन के दौरान कही। यह सेशन पुरुषों में आत्महत्या की दर को कम करने के लिए सरकार की ओर से की गई पहल को लेकर आयोजित किया गया था। उनसे पूछे गए एक सवाल के इस जवाब से कई लोग सकते में आ गए।

मंत्री ने कहा, ‘किन पुरुषों ने आत्महत्या की? आत्महत्या की जगह हालात को सुधारने की कोशिश क्यों न की जाए। मैंने कभी किसी पुरुष की आत्महत्या की खबर न सुनी और न पढ़ी है।’ हालांकि, आंकड़ों पर नजर डालें तो मेनका गांधी बिल्कुल अलग बात कर रही थीं।


राष्ट्रीय अपराध रेकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2015 में देश में आत्महत्या के 1,33,623 मामले आए, जिनमें आत्महत्या करने वालों में 91,528 (लगभग 68 प्रतिशत) पुरुष थे, जबकि 42,088 महिलाओं ने इस अवधि में खुदकुशी थी। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2015 में 86,808 शादीशुदा लोगों ने खुदकुशी की जिनमें 64,534 पुरुष थे। सोशल मीडिया साइट पर करीब 3 घंटे तक चली चैट में लोगों ने मेनका गांधी पर पुरुष विरोधी होने का आरोप भी लगाया।
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