आंग सान सू की के कार्यालय ने कहा कि 77 उग्रवादियों के साथ ही 12 सुरक्षा अधिकारी मारे गये हैं. हिंसा की वजह से दो नौकाओं पर करीब 150 महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने सवार होकर नफ नदी के जरिये बांग्लादेश में प्रवेश करने की कोशिश की. लेकिन, उन्हें वापस भेज दिया गया. बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के एक अधिकारी ने कहा, ‘वे डरे हुए थे. हमें उन्हें वापस भेजते हुए दुख हुआ.’
म्यांमार की सेना ने कहा कि शुक्रवार तड़के अनुमानित 150 विद्रोहियों ने 20 से ज्यादा चौकियों पर हमला कर दिया. कुछ विद्रोही बंदूकों से लैस थे और देसी विस्फोटकों का इस्तेमाल कर रहे थे. सेना ने कहा, ‘कयार गाउंग ताउंग और नाट चाउंग गांवों में स्थित पुलिस चौकियों पर लड़ाई चल रही है.
सेना ने बयान में कहा, सेना और पुलिस के सदस्य मिलकर चरमपंथी बंगाली आतंकवादियों से लड़ रहे हैं.’ दरअसल मयांमार सरकार रोहिंग्या को ‘बंगाली आतंकवादी’ कहती है.
हाल ही में म्यांमार सरकार ने राखिन राज्य में सैनिकों की संख्या में बढोतरी की है. जिनमे स्पेशल फोर्सेज के कमांडर भी है.