बड़ा खुलासा: म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों पर हिंसा के पीछे इजरायल का है हाथ ?
म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिम बहुल राखिने प्रांत में सेना और बौद्ध चरमपंथियों का अत्याचार लगातार जारी है. जिसके चलते अब तक 400 से ज्यादा की लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीँ 40000 से ज्यादा रोहिंग्या अपनी जान बचाकर बांगलादेश पहुंचे है. ये सिलसिला जारी है.
इसी बीच खुलासा हुआ है कि इस हिंसा के पीछे इजरायल का हाथ हो सकता है. दरअसल इजरायल का मार सरकार को सशस्त्र करने का कार्य जारी है. हाल ही में इजरायल के सुरक्षा विभाग के प्रमुख मिश बेन बारूख़ ने म्यांमार की यात्रा की थी.
इस बारें में खुलासा करते हुए इजरायल के समाचार पत्र हारेट्ज़ ने लिखा कि इस यात्रा के दौरान म्यांमार की सैन्य परिषद के अधिकारियों ने इजरायल से युद्धक नौकाएं ख़रीदने पर सहमति व्यक्त की थी. इन्ही नौकाओं का फिलहाल रोहिंग्या के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है.
इसी प्रकार म्यांमार की सैन्य परिषद के एक अधिकारी ने सितंबर 2015 में अपनी इजरायल यात्रा के दौरान ज़ायोनी शासन के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख से मुलाक़ात की थी. ऐसे में इस पुरे घटनाक्रम के पीछे इजरायल के होने की सम्भावना बढ़ जाती है.
गौरतलब रहे कि राखिने में म्यांमार सरकार ने सैन्य अभियान शुरू किया है. जिसके तहत रोहिंग्या मुस्लिमों को देखते ही गोली मारी जा रही है,
म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार ने वीभत्स रूप ले लिया है। चश्मदीदों के मुताबिक, पश्चिमी राखीन राज्य में बर्मा की सेना और पैरामिलिटरी फोर्स बच्चों के सिर काट रहे हैं और उन्हें जिन्दा जला रहे हैं। रोहिंग्या उग्रवादियों पर शिकंजा कसे जाने के बाद से करीब 60 हजार रोहिंग्या मुसलमान देश छोड़कर बांग्लादेश की सीमा में जा चुके हैं। जो लोग सेना के अत्याचार से बच गए उन्होंने हिंसा की भयावहता बताई है। अब्दुल रहमान (41) नाम के एक व्यक्ति ने बताया, ‘मेरे भाई को मार दिया गया। सैनिकों ने उसे समूह के साथ जिंदा जला दिया।’ अब्दुल ने बताया, ‘मैंने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के शव मैदान में पड़े देखे। उन्होंने उनके शरीर पर गोलियों से निशान बना दिए थे और कुछ के सिर कटे हुए थे।’ उन्होंने बताया, ‘मेरे दो भतीजों के सिर नहीं थे। एक छह साल का था और एक नौ साल का। मेरी पत्नी की बहन को गोली मार दी गई।’