नई दिल्ली : देश में कुछ लोग ऐसे हैं जो तरक्की के शिखर तक पहुंचने के लिए दिन रात मेहनत कर एक मुकाम हासिल करके देश का नाम रोशन करना चाहते हैं. वही दूसरी तरफ कुछ ऐसे नीच और घटिया लोग हैं जो अपने ही देश में वहसिदरिन्दे बने घूम रहे हैं. जो नाबालिग लड़कियों को अपने हवस का शिकार बनाते हैं और बाद में उन लड़कियों को ड्रग्स के आदि बना देते हैं. इतना ही नहीं लड़कियों को जवान और बोल्ड बनाने के लिए इंजेक्शन लगते है.
आपको बता दें कि चिकित्साविज्ञानियों ने इन लड़कियों का टेस्ट किया और बताया कि रेड लाइट ऐरिया में लड़कियों को संभवतः वो इंजेक्शन दिये जा रहे थे जिनको डॉक्टर्स विशेष परिस्थितियों में किसी रोगी को प्रेसक्राइब्ड करते हैं.हसीन दिखने की चाहत में एक महिला हर रोज़ करती है..
चिकित्साविज्ञानियों का कहना है कि ऐसे ड्रग्स लगातार या ज्यादा मात्रा में लेने से मेंटल और फिजिकल डिसऑर्डर की भी सम्भावना रहती है. अगर इस ड्रग्स का इंजेक्शन किसी 15-16 साल की लड़की को दिया जा रहा है तो 20-22 साल की होने से पहले ही उसकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. और बहुत ही कम उम्र में ही अर्थराइटिस जैसी बीमारी से ग्रसित हो सकती हैं. (चौथी दुनिया)
उत्तर प्रदेश जिले के कई बड़े शहरों से कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. इस मामले का खुलासा आगरा के रेड लाइट ऐरिया से छुड़ायी गयी लड़कियों पुलिस के सामने किया है. इन बड़े शहरों में अवैध रूप से लड़कियों की तस्करी का अड्डा चल रहा है और इन अड्डों पर अवयस्क लड़कियों को जवान और बोल्ड बनाने के लिये खतरनाक ड्रग्स के इंजेक्शन दिये जाते हैं. उसके बाद लड़कियों को खुद इन ड्रग्स की लत लग जाती है और ड्रग्स के बिना उनकी दिनचर्या पूरी नहीं होती.
भाई-बहन के रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना, पहले अगवा किया फिर…आपको बता दें कि चिकित्साविज्ञानियों ने इन लड़कियों का टेस्ट किया और बताया कि रेड लाइट ऐरिया में लड़कियों को संभवतः वो इंजेक्शन दिये जा रहे थे जिनको डॉक्टर्स विशेष परिस्थितियों में किसी रोगी को प्रेसक्राइब्ड करते हैं.हसीन दिखने की चाहत में एक महिला हर रोज़ करती है..
चिकित्साविज्ञानियों का कहना है कि ऐसे ड्रग्स लगातार या ज्यादा मात्रा में लेने से मेंटल और फिजिकल डिसऑर्डर की भी सम्भावना रहती है. अगर इस ड्रग्स का इंजेक्शन किसी 15-16 साल की लड़की को दिया जा रहा है तो 20-22 साल की होने से पहले ही उसकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. और बहुत ही कम उम्र में ही अर्थराइटिस जैसी बीमारी से ग्रसित हो सकती हैं. (चौथी दुनिया)
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