यह वही लड़का है जिसने आपातकाल में जेपी की सम्पूर्ण क्रांति को परवान चढ़ाया, नितीश को नेता बनाया


लालू यादव ने प्रेस कांफ्रेस में आज नीतीश द्वारा लगाये गये आरोपों का जवाब दिया. लालू यादव ने कुछ बातें अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है…”नीतीश कहता है कि उसने मुझे नेता बनाया. ये तो झूठ की सभी मर्यादाएँ और बाँध तोड़ रहा है. मैं 1970 में पटना यूनिवर्सिटी में जनरल सेक्रेटरी था, दो साल में पटना विश्वविधालय का अध्यक्ष बना. उससे पूर्व में delegates नॉमिनेट कर अध्यक्ष बनाते थे. मैंने लड़ाई लड़ी कि पटना विश्वविधालय का अध्यक्ष नॉमिनेट नहीं होना चाहिए बल्कि इसके लिए खुला चुनाव होना चाहिए ताकि वंचित और उपेक्षित वर्गों के छात्र अपना नेता चुने.

वंचित वर्गों के छात्रों के सहयोग से मैं पटना विश्वविधालय का अध्यक्ष बना. उस वक़्त नीतीश को शायद ही इसकी कक्षा के बाहर कोई जानता हों. इसका कहीं कोई अता-पता नहीं था. 1974 के छात्र आंदोलन में जयप्रकाश नारायण जी ने मुझे छात्र आंदोलन का संयोजक घोषित किया. उसी दौरान छात्रों की सहमति से हमने जेपी जी को लोकनायक की उपाधि दी और मुझे छात्र आंदोलन का संयोजक बनाने के लिए लोकनायक का धन्यवाद किया.

1977 में महज़ 29 वर्ष की उम्र में देश का सबसे कम उम्र का सांसद बनकर मैंने जनता पार्टी की सरकार में छपरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. 1985 में नीतीश पहली बार विधायक बना तब तक मैं एक बार सांसद और विधायक रह चुका था और उससे पहले नीतीश दो चुनाव हार चुका था. ये दो-दो चुनाव हारने के बाद गिड़गिड़ाता हुआ मेरे पास आया था और दावा करता है इसने मुझे नेता बनाया. नीतीश अपनी अंतरात्मा से पूछे इसे बाढ़ से सांसद बनाने के लिए मैंने इसके लिए क्या-क्या नहीं किया? इसे आगे करने के लिए मैंने पार्टी के कई पुराने नेताओं से भी संबंध ख़राब कर लिए थे. अब चारों तरफ़ से घिर चुका है तो झूठ का सहारा ले रहा है.

इस देश में लालू को खल नायक बनाने की भरपूर कोशिश होती रही है और होती
रहेगी, फिर भी वह ऐसा खम्भा बनकर राजनीती में जमे है कि उनको कोई उखाड़ नहीं
सका! जिन्होने उसे उखाड़ने की कोशिश की वे हवा में उड़ गए और लालू फिर भी
खड़े रहे, तिनके की तरह नहीं बल्कि अडिग हिमालय की तरह– यही इस शख्सियत की
खासियत है!
-ताराराम गौतम
loading…


CITY TIMES

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *