तो भाईयों और बहनों, ये विश्व गुरु के गुरुर से निकल आओ तो बेहतर होगा, सारी दुनिया हंसती है तुम पर जब तुम अपने कुँए में ऐसी टर्र टर्र करते हो, क्या है भाई तुम्हारे पास दुनिया को सिखाने के लिए ? ये कि बहुओं को दहेज़ के लिए जला दो, बेटियों को कोख में मार दो, लड़कों को अच्छा और लड़कियों को अपशकुन मानो, सती के नाम पर औरतों को पति की चिता पर जला दो जिससे उसे जायदाद में हिस्सा न देना पड़े, करोड़ों मेहनत करने वालों को नीच ज़ात का मानो, मेहनत करने वालों को नीच कहो और उनकी अलग बस्तियां बना दो, जब मन करे इन मेहनत करने वालों की बस्तियां जला दो, तुम साइकिल तक तो इस देश में बना नहीं सके, विश्वगुरु होने की डींग हांकते हो, सबके बराबर बन जाओ यही गनीमत है, जाओ पहले अपने बच्चों को मेहनत की इज्ज़त करना सिखाओ, तब दुनिया के दूसरे देशों के साथ खड़े होने के लायक बन पाओगे, छोड़ दो ये बेकार का घमंड, तुम्हारा लोहा चीन और जापान छ्त्तीसगढ़ से निकाल कर कौडियों के मोल अपने देश में ले जा रहे हैं, और ले जाकर समन्दर में जमा कर रहे हैं, राष्ट्रवादी बनते हो तो रोको इसे, बस मुसलमानों और ईसाईयों को गाली देने से कोई राष्ट्रवादी नहीं बन जाता दम्भियों, जाओ मोदी से कहो कि चीन को भारत का लोहा ना दे, आये बड़े देशभक्त बनने,