रेस की लाइन एक करो “मेरिटधारियों”
सुनो पाखण्डियों …..!!!
सबसे पहले शोषण के लिए तुमने जातियाँ बनाई। खूब मलाई खायी । समाज को टुकड़े-टुकड़े कर दिया। तुमने विकास और मानवाधिकार को तड़ीपार किया, और स्वार्थवश पाखंड और आडम्बर को पाल-पोषकर बड़ा किया। फिर डॉ अबेडकर का पदार्पण हुआ और स्त्री जाति, अछूत, वंचित और शोषित इंसानों को मानवीय हक दिलाने के लिए संविधान बनाया। बाबासाहब ने अपना काम बखूबी निभाया और निश्चिन्त हो गए कि अब समाज में समानता आ जायेगी।
लेकिन तुम्हारा असामाजिक चेहरा फिर से सामने आया। सरकारी स्कूलों में हमारे बच्चों ने तुम्हे मात देनी शुरू की, तो तुमने साजिशन प्राइवेट स्कूल और कॉलेज बना डाले। जब हमने भी निजी स्कूल में जाना शुरू किया, तो तुमने कोचिंग के नाम पर paper-out करने शुरू किये। हमने और मेहनत शुरू की, तो तुमने डोनेशन का स्वांग शुरू किया। हमने और मेहनत की, तो तुमने सरनेम इंटरव्यू पद्धति का निर्माण किया।
लेकिन याद रहे ये सैलाब है, जो भगवा आतंक को खत्म करके ही रुकेगा
जय मंडल, जय भीम, जयभारत
लेखिका – काव्याह यादव, MBA छात्रा, लखनऊ उत्तर प्रदेश, यह लेखिका के निजी विचार है.