सोशल डायरी ब्यूरो
भाजपा विधायक बंसल द्वारा डॉ.बाबासाहब आंबेडकर पर गैरजिम्मेदाराना जाहिल बयान देने पर स्वतंत्र पत्रकार भंवर मेघवंशी ने कड़े शब्दों में विरोध जताया. वह सोशल मीडिया पर लिखते है.
बकवास बंद करो बंसल !
राजस्थान की भाजपा में वैसे तो एक से एक नमूने भरे पड़े है ,पर इसके विधायक बड़े अजूबे है। एक विधायक जेएनयू में कंडोम गणना अधिकारी रह चुके है तो दूसरे कमअक्ल को यही नहीं मालूम कि डॉ भीमराव अंबेडकर का भारत के संविधान निर्माण में क्या योगदान रहा है ?
भरतपुर का विधायक है बंसल। बेचारा ज्यादा नहीं जानता बाबा साहब के बारे में । पढता लिखता नहीं होगा। डॉ अम्बेडकर बंद बुद्धि वालों को समझ में भी कहाँ आते है ? फिर इसकी क्या गारंटी कि कोई आदमी एमएलए बन जाता है तो वह समझदार हो जाता है।लंठ किस्म के जनप्रतिनिधियों की विश्व भर में भरमार है,भारत में तो कुछ ज्यादा ही है और भाजपा में भरपूर।
बंसल जरा पढ़ लिख लेते डॉ अम्बेडकर के बारे में । अपने किसी चेले चपाटे चाटुकार से ही पूंछ लेते। अपने माई बाप वसुन्धरा राजे और नरेंद्र मोदी से ही प्रेरणा ले लेते। वे बड़ा गुणगान कर रहे है बाबा साहब के । या तो उन तक अपना ज्ञान बघार देते या उनसे उधार ले लेते । बिना किसी जानकारी के यह कैसी सड़क छाप बात बोल दी तुमने ? ठीक नहीं किया। भले ही इस किस्म की बकवास करने को पार्टी ने बोला हो ,पर नहीं बोलना चाहिए था।
इससे कुछ बातें तय हो गई है, 1- ऐसी बात सिर्फ वही बोल सकता है जो हद दर्जे का मुर्ख हो या फिर भयंकर जातिवादी जिसके भेजे में मनुवाद का भूसा भरा हो ,2- अगली बार पार्टी का टिकट नहीं मिलेगा इस सीट से ,क्योंकि भाजपा किसी भी बाबा साहब का अपमान करने वाले को अफोर्ड नहीं कर सकेगी ,3 – अगर भाजपा अपने मूल चरित्र को बरक़रार रखते बंसल जैसे दलित विरोधी बकवास करने वाले को अपना उम्मीदवार बना भी देगी तो वहां बाबा साहब को चाहने वाले मिशनरी भीमसैनिक उसकी वाट लगा देंगे। फिर करते रहना अपनी लालागिरी और अम्बेडकर विरोधी बकवास।कोई नहीं पूछेगा ।
वैसे बाबा साहब तो बाप है इन जैसों के ,अगर ये नहीं जानते है तो इन्हें विधानसभा में नहीं प्राथमिक स्कूल में पढ़ने भेजना चाहिए,अगर ऐसा संभव न हो तो आगरा या जयपुर ,जहाँ संभव हो ,वहीँ रखवा देना ठीक होगा।
भाजपा को अपने विधायक की इस बेहूदगी के लिए माफी मांगनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साधुवाद कि उन्होंने तुरंत ट्वीट करके विधायक बंसल की सोच को गलत बताया और उसकी निंदा की।
सचिन जी नहीं बोल पाये ,अभी तोल रहे होंगे कि कहीं बोलना मुख्यमंत्री बनने में रोड़ा तो नहीं बन जायेगा! जिस तरह दलित विधायक चन्द्रकान्ता के खिलाफ बोले ,उससे उनका दलित विरोधी रुख तो उजागर हो ही गया है।इस मामले पर उनकी चुप्पी भी कमोबेश भाजपा जैसी ही है। पर भीम सैनिक चुप नहीं रहेंगे बंसल,वे तुम्हें कभी माफ नहीं करेंगे ।
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