(प्रतीकात्मक फोटो)
इन
दिनों राजस्थान में भारी बारिश इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी
परेशानी का सबब बनी हुई है। ख़बरों के मुताबिक, राजस्थान में आई बाढ़ की
वजह से जालोर और सिरोह जिले की गौशालाओं में अब तक करीब 800 गाय अपनी जान
गवा चुकी हैं।
मीडिया
रिपोर्ट के मुताबिक, सिरोही और जालौर जिले में आसपास 22 गौशालाएं हैं और
लगभग सभी का बुरा हाल है।बताया जा रहा है कि, गौशालाओं में हजारों की
संख्या में गायें ऐसी है जो लगातार भीगने के कारण कमजोर हो गई हैं और अपने
स्थान से उठ भी नहीं पा रही है। कई गाय कीचड़ और दलदल में फंस गई और निकल
ही नहीं पाईं और भूख से उनकी मौत हो गई।
ख़बर के मुताबिक, कई जगह
गायें अब भी फंसी हुई है। ये गाय बीमार हैं या उठने में असमर्थ होने की वजह
से एक ही जगह पर बैठी हैं, ऐसी गायों को बचाने की कोशिशें की जा रही है।
ख़बरों के मुताबिक पथमेड़ा ट्रस्ट द्वारा चलाई जा रही गौशालाएं सबसे बुरी
तरह से प्रभावित हुई हैं, यह ट्रस्ट राजस्थान में 10 गौशाला चला रहा है
जिसमें तकरीबन 50 हजार गाय हैं।
गौशाला है जो एशिया की सबसे बड़ी गौशाला है। ख़बरों के मुताबिक, गुरुवार
को राज्यभर की गौशालाओं में 200 गायों के मरने की पुष्टि की गई थी और इससे
पहले बुधवार को भी 547 गायों की जान गई थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की ख़बर के
मुताबिक, अभी कम से कम 4,000 गायें खतरे वाली जगहों पर मौजूद हैं।
नवभारत
टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, पथमेड़ा गौशाला की पूनम सिंह राजपुरोहित ने
बताया कि करीब 10 किलोमीटर दूर एक बांध के टूटने के बाद से ही स्थिति और
भयावह हो गई है। उन्होंने बताया कि बीते साल भी बांध टूटा था लेकिन पानी
गौशाला के अंदर नहीं आया था।
इस साल बांध का पानी पूरी तेजी से
गौशाला में आया और महज 10 से 15 मिनट के अंदर ही 6 से 8 फीट पानी भर गया।
गौरतलब है कि राजस्थान देश में एक ऐसा राज्य है जहां गौवंश संरक्षण के लिए
पूरा विभाग कार्य करता है।