लन्दन : हम मुसलमान है, किसी पर आपत्ति आए तो जात धर्म नहीं देखते, बस मदत के लिए दौड़ते है

ब्रिटेन की राजधानी लंदन में एक रिहायशी इमारत ग्रेनफेल टावर में मंगलवार देर रात आग लगने के बाद यह पूरी तरह खाक हो गई। मीडिया रिपोर्टों में अभी तक आधिकारिक रूप से मृतकों की संख्या 12 बताई जा रही है। वहीं घायलों की संख्या 74 को पार कर चुकी है। यह संख्या और बढ़ जाती अगर ग्रेनफेल टावर में लगी आग को स्थानीय मुसलमानों ने न देखा होता।

ब्रिटिश मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक, रमज़ान का महीना होने के कारण यहां मुसलमान रोजे़ के लिए जल्दी उठे। इस दौरान उन्होंने इमारत से आती आग की लपटें देखीं। इसके बाद उन्होंने लोगों को पुकारकर जगाया और दमकल को सूचना दी। ग्रेनफेल टावर के निवासियों ने बताया कि रोजे़े के लिए मुसलमानों के जल्दी उठने से कई लोगों की जिंदगी बच गईं।


उन्होंने कहा कि गहरी नींद में होने के कारण वे अलार्म नहीं सुन पाए। ऐसे में वे मुसलमानों द्वारा बार-बार पुकारे जाने पर उठे। देखते ही देखते आग पूरी इमारत में फैल गई। आग इतनी भयंकर थी कि लोगों ने दसवें फ्लोर से अपने बच्चों को फेंक दिया, ताकि नीचे खड़े लोग उन्हें बचा सकें। एक बच्चे को नीचे खड़े शख्स ने कैच भी कर लिया। लोगों ने मीडिया को बताया कि रोजे़ के लिए जल्दी उठने से स्थानीय मुसलमानों ने सबसे पहले इस आग को देखा और उनकी जान बचाने की कोशिश की।

इस आग में जिंदा बचे एक शख्स ने बताया कि उस वक्त सहायता करने वालों में अधिकतर मुस्लिम ही थे। वे घटनास्थल पर खाना, कपड़े और पानी भी बांट रहे थे। इस अग्निकांड से पीड़ित लोगों के लिए एक चर्च भी मदद में जुटा है। जरूरतमंदों की सहायता के लिए कई संगठन आगे आए हैं। खबर लिखे जाने तक ग्रेनफेल टावर के हालात काफी खराब थे। लोग अपने परिचितों को ढूंढ़ रहे थे। वहीं प्रशासन की ओर से प्रयास निरंतर जारी हैं।

 
CITY TIMES

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