Zainab Khan
यूपी भी जल रहा है, एमपी भी जल रहा है।
विकास की रफ्तार भी नीचे चल रहा है।
जवान भी मर रहा है, किसान भी मर रहा है।
सेवक तो अपना विदेशों में रह रहा है।
कश्मीर भी जल रहा है, केरल भी जल रहा है।
मेरा देश बदल रहा है, आगे तो बढ़ रहा है।
किसानों की दुर्दशा, अब छुपती नही किसी से।
दूध की नदियां अब सड़कों पर बह रही है।
यूपी भी जल रहा है, एमपी भी जल रहा है।
विकास की रफ्तार भी नीचे चल रहा है।
जवान भी मर रहा है, किसान भी मर रहा है।
सेवक तो अपना विदेशों में रह रहा है।
कश्मीर भी जल रहा है, केरल भी जल रहा है।
मेरा देश बदल रहा है, आगे तो बढ़ रहा है।
किसानों की दुर्दशा, अब छुपती नही किसी से।
दूध की नदियां अब सड़कों पर बह रही है।
किसान की फसलें अब खेतों में सड़ रही हैं।
कर्ज के बोझ तले रोज दबता ही जा रहा है।
कहीं आत्महत्या, कहीं गोली खा रहा है।
मेरा देश बदल रहा है, आगे तो बढ़ रहा है।
कहीं पर हिंदू , कहीं मुसलमान हो रहा है।
गाय कहीं माता , कहीं ज़ायक़ा बन रहा है।
कर्ज के बोझ तले रोज दबता ही जा रहा है।
कहीं आत्महत्या, कहीं गोली खा रहा है।
मेरा देश बदल रहा है, आगे तो बढ़ रहा है।
कहीं पर हिंदू , कहीं मुसलमान हो रहा है।
गाय कहीं माता , कहीं ज़ायक़ा बन रहा है।
मेरा देश बदल रहा है, आगे तो बढ़ रहा है।
खुद की नीतियों को, खुद समझ नहीं रहा है।
पुरानी योजनाओं को अपना बता रहा है।
आतंकी हमला और नक्सलवाद भी बढ़ रहा है।
कुछ भी रहा न वश में, सब कुछ बिखर रहा है।
मेरा देश बदल रहा है, आगे तो बढ़ रहा है।
डिजिटल हुआ है इंडिया, नेटवर्क नही है गाँव में।
फ्लाइट में उडान सस्ती, लेकिन चप्पलें नहीं हैं पाँव में।
खुद की नीतियों को, खुद समझ नहीं रहा है।
पुरानी योजनाओं को अपना बता रहा है।
आतंकी हमला और नक्सलवाद भी बढ़ रहा है।
कुछ भी रहा न वश में, सब कुछ बिखर रहा है।
मेरा देश बदल रहा है, आगे तो बढ़ रहा है।
डिजिटल हुआ है इंडिया, नेटवर्क नही है गाँव में।
फ्लाइट में उडान सस्ती, लेकिन चप्पलें नहीं हैं पाँव में।
चमचागीरी में मिडिया भी हद तक गिर रहा है।
जो करे ना जी हुजीरी, वो जेल में जा रहा है।
मेरा देश बदल रहा है, आगे तो बढ़ रहा है।
गाँव को तो गोद लेतेे, लेकिन रुपये अमीरों में बंटते।
अपनी ही सिर्फ फेकते, किसी की कहाँ है सुनते।
जो भी आवाज उठाई, उस पर जांच एजेंसिया बिठाई।
जो करे ना जी हुजीरी, वो जेल में जा रहा है।
मेरा देश बदल रहा है, आगे तो बढ़ रहा है।
गाँव को तो गोद लेतेे, लेकिन रुपये अमीरों में बंटते।
अपनी ही सिर्फ फेकते, किसी की कहाँ है सुनते।
जो भी आवाज उठाई, उस पर जांच एजेंसिया बिठाई।
कहीं पर इनकमटैक्स तो कही है सीबीआई लगाई।
फिर भी मिले न कुछ तो मानहानि का केस हो रहा है।
मेरा देश बदल रहा है, आगे तो बढ़ रहा है।
चुनावी वादा तो सिर्फ वादा ही लग रहा है।
आम आदमी तो भरोसे में पिट रहा है।
फिर भी मिले न कुछ तो मानहानि का केस हो रहा है।
मेरा देश बदल रहा है, आगे तो बढ़ रहा है।
चुनावी वादा तो सिर्फ वादा ही लग रहा है।
आम आदमी तो भरोसे में पिट रहा है।
नही है कोई धंधा, नौकरियां भी नही है।
सरकार जो कहे, वो ही बस सही है।
महंगाई पर अब तो कोई काबू नही मेरा देश आगे बढ़ रहा है सबसे आगे चल रहा है…
सरकार जो कहे, वो ही बस सही है।
महंगाई पर अब तो कोई काबू नही मेरा देश आगे बढ़ रहा है सबसे आगे चल रहा है…
CITY TIMES