स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य जी ने एक मुस्लिम सभा में कुछ मिनट बयान दिया था जिसमें उन्होंने दुनिया के सबसे पुराने वेद ऋग्वेद की दलील देते हुए यह बताया था कि भारत में एक ईश्वर को मानने वाले हर हिंदू मुसलमान हैं.
ऐसा उन्होंने इसलिए कहा था कि ऋग्वेद के अनुसार एक परमेश्वर को छोड़कर किसी दूसरे मनुष्य को कभी मत मानो क्योंकि पूजा करने योग्य एक मुझे परमेश्वर को छोड़कर कोई दूसरा देव नहीं है श्रीमद्भगवद्गीता में भी यही कहा गया है के है पूजने के लायक सिर्फ एक ही परमेश्वर है उसके अलावा और कोई दूसरा नहीं है. स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य जी बोले इस्लाम के अनुसार अल्लाह की हिकमत भी यही कहती है.
और उन्होंने कहा कि RSS के लोग और विश्व हिंदू परिषद के लोग कहते हैं कि इस देश में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है इस पर शंकराचार्य जी बोलते हैं कि ये उनकी अटकलबाज़ी है ये उनकी कोई दलील नहीं है. जबकि इस बात की दलील है कि एक ईश्वर को मानने वाला हर हिंदू मुसलमान है.
शंकराचार्य जी ने यह भी कहा कि मुसलमानों में वह शक्ति है कि केवल वही है जो दूसरों को प्रभावित कर सकते हैं लेकिन कब जब वह बुराइयों को ना देखें और दूसरों को अपनी अच्छाइयों को बताएं और यहां तक कि उस पर खुद भी अमल करें इसके कुछ उदाहरण दिए जैसे कि दूसरों को समझाएं कि इस्लाम शांति का मजहब है, इस्लाम लड़ाई झगड़े का मजहब नहीं है, इस्लाम गुस्सा करने का मजहब नहीं है वहां मौजूद तमाम मुस्लिम युवाओं को उन्होंने यह कहा इस्लाम दया और माफी का मजहब है, इस्लाम दिल जीतने का मजहब है और इस्लाम में बुराई का बदला बुराई नहीं वल्की बुराई का बदला भलाई है.
शंकराचार्य जी की सारी बातो का एक ही निचोड़ निकलता है, की विश्व का सबसे अच्छा मजहब इस्लाम है.
CITY TIMES
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