या फिर ये काम लड़कियों की शिकायत पर होगा? एंटी-रोमियो स्क्वायड के गठन के बाद से ही लगातार पुलिस पर ज्यादती करने का आरोप लग रहा है और कई जगह यह साबित भी हो चुका है। कभी पुलिस राह चलते पति-पत्नी की जांच पड़ताल कर रही है, तो कहीं प्रेमी-जोड़ों को परेशान कर रही है।
ताजा मामला यूपी के देवरिया का है जहां एंटी-रोमियो टीम ने शुक्रवार शाम को किसी काम से हनुमान चौराहे पर गए भाई-बहन को पकड़ लिया। दोनों ने अपने को भाई-बहन बताया, लेकिन टीम के सदस्य मानने को तैयार नहीं हुए। दोनों के लाख कहने के बावजूद टीम के सदस्य उन्हें कोतवाली ले गए। सूचना के बाद अभिभावक पहुंचे। उन्होंने बताया कि दोनों उनके बेटा और बेटी हैं। इसके बाद कोतवाली पुलिस और एंटी-रोमियो टीम के सदस्य बैकफुट पर आ गए। अभिभावकों से माफी मांगकर दोनों को छोड़ दिया गया।
शहर हो या फिर स्कूल और कॉलेज हो, मानो सारा काम छोड़कर पुलिस बस रोमियो पकड़ने के ही काम पर लगा दी गई है। जबकि इसी यूपी में बड़े-बड़े और छटे हुए क्रिमिनल और बदमाश इन्हीं खाकी वालों का मजाक उड़ाते हुए लंबे वक्त से फरार हैं और भगौड़े बने हुए हैं। सरकार बनने से पहले ऐसे अपरधियों को एक हफ्ते के अंदर पकड़ कर अंदर करने के दावे किए गए थे। मगर शायद उन भगौड़े खूनी, रेपिस्ट और माफियाओं से कहीं ज्यादा मनचलों से यूपी को खतरा लग रहा है, इसीलिए सारी फोर्स रोमियो के पीछे छोड़ दी गई है।
गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर एंटी रोमियो स्क्वायड द्वारा युवा जोडों के उत्पीडन के दृश्य टेलीविजन पर दिखाए जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को स्पष्ट निर्देश दिए कि अनावश्यक उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। योगी ने प्रमुख सचिव (गृह) से कहा कि वह एंटी रोमियो स्क्वॉयड के लिए स्पष्ट गाइड लाइन तैयार करें। ‘‘यदि कोई युवक और युवती आपसी सहमति से कहीं बैठे हैं या कहीं जा रहे हैं, तो उन पर कार्रवाई कतई न की जाए।’’ सीएम की नसीहत के बाद भी यूपी पुलिस के रवैयें में कोई सुधार नहीं है।
संपादन- आदित्य साहू