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मै बहुत दिनों सोच रही जब हिन्दुस्तान में अंग्रेज आया तो सबसे पहले हिन्दुस्तान की पुस्तकःको नष्ट की ताकी हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था खत्म हो जाए खत्म कर दी देश विदेशों में सबसे जादा अच्छे vaigyanik डॉक्टर इंजीनियर मुस्लिम हैं अंग्रेज ने हमारी हिन्दी पुस्तकों को ही नष्ट की हैं हमारे उर्दू पुस्तकों को नहीं मुझे ऐसा लग रहा क्यों ना पुरानी उर्दू पुस्तकों को हर भाषा में ट्रांसलेट करा कर फिर शिक्षा व्यवस्था में लिया जाए हिन्दुस्तान की ऐसी शिक्षा व्यवस्था है जो क्लर्क चपरासी के लायक हैं हिन्दुस्तान में उस समय अंग्रेज को क्लर्क चपरासी की जरुरत थी इसी लिए हिन्दुस्तान की शिक्षा व्यवस्था खत्म कर दी वही शिक्षा व्यवस्था आज तक चली आ रही हैं अंग्रेजी बोलने से लिखने से कोई पढा़ लिखा नहीं हो जाता
6.महिने में अंग्रेजी लिखना पढ़ना अनपढ़ को भी आ जायेगी यह कोई बड़ी बात नहीं है हिन्दुस्तानी की जनता में ऐसी ताकत हैं की यदि उसे दस दिन डॉक्टर की ट्रेनिंग दे दी जाए तो पढे़ लिखे डॉक्टर से अच्छी अॉपरेशन कर सकता है आपलोंग देखते ही है गाँव में जो मोबाइल गाड़ी इंजीनियर से नहीं बता वह मोबाइल गाड़ी हमारे गाँव के सधारण मैकेनिक बना देती हैं हिन्दुस्तान में 70 साल से तीन जाती राज्य कर रहा हैं भ्रष्टाचार लूट हत्या भुखमरी हिन्दू मुस्लिम से आगे देश निकला ही नहीं क्यों ना पांच साल मुस्लिम भाई के हाथ देश को देकर देखते हैं कुछ अच्छा हो जाए देश में यह हमारे देश की संविधान भी अधिकार देती हैं ऐसा होता हैं तो हिन्दुस्तान दुनिया में ताकतवर बन कर निकले गा मेरी बात को धर्म के चश्मे को हटा कर सोचे
(किरण यादव के निजी विचार, सोशल डायरी से कोई सरोकार नहीं)
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