हमारा कहने का मतलब ये है कि जिन लोगों ने यह साजिश रची थी उनका मकसद पूरी ट्रेन को पलटवाना था, उनक इरादा कम से कम 400-500 आदमियों की हत्या का था लेकिन ड्राईवर की वजह से इतने लोगों की जान बच गयी.
आपको बता दें कि मोदी सरकार में अब तक जितने भी ट्रेन हादसे हुए सब के सब मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए हुए हैं, इससे पहले दो हादसों में पाकिस्तान की ISI का हाथ था, ये लोग ट्रेन हादसे करवाकर मोदी सरकार को कमजोर कर रहे हैं और विपक्षी पार्टी कांग्रेस को मोदी सरकार के खिलाफ मुद्दे दे रहे हैं क्योंकि ट्रेन हादसे के तुरंत बाद कांग्रेस का बयान आता है कि मोदी सरकार में ट्रेन हादसे बढ़ गए हैं.
अब आप कल का हादसा देखिये, टेक्नोलॉजी का ज़माना है, ड्राईवर और गार्ड को पहले से ही बताया जाता है कि पटरी पर मरम्मत का काम चल रहा था लेकिन ना तो ड्राईवर को और ना ही गार्ड को इस बात की जानकारी दी गयी, यही नहीं स्टेशन मास्टर को भी पटरी पर मरम्मत कार्य के बारे में कोई सूचना नहीं दी गयी थी. यह सब सबूत चीख चीख कर कह रहे हैं कि ट्रेन अपने आप नहीं पलटी बल्कि इसे पलटवाया गया था, यह लापरवाही नहीं थी बल्कि एक सोची समझी साजिश के तहत इसे अंजाम दिया गया है और इसका मकसद था मोदी सरकार को बदनाम करना. आप खुद देख लीजिये, इन लोगों ने पूरी पटरी उखाड़ रखी थी, अगर ड्राईवर इमरजेंसी ब्रेक ना लगाया तो आगे जाकर पूरी ट्रेन पलट जाती, हादसे के वक्त ट्रेन की स्पीड 105 किलोमीटर थी. इतनी स्पीड में अगर ट्रेन पलट जाती तो लगभग सभी लोगों की मौत हो जाती, उसके बाद देश में हाहाकार मच जाता, विरोधी लोग विपक्ष के लोग इसे मोदी सरकार के खिलाफ मुद्दा बना लेते और उसके बाद क्या होता आप इसका खुद अंदाजा लगा सकते हैं लेकिन ड्राईवर की वजह से लोगों की जान बच गयी यही नहीं मोदी सरकार पर भी एक बड़ा दाग लगने से बच गया.
अब यहाँ पर सवाल ये है कि वे कौन लोग थे जो स्टेशन मास्टर की बिना इजाजत लिए ही पटरी की मरम्मत का कार्य कर रहे थे, वे लोग अपने आप से मरम्मत कार्य क्यों कर रहे थे, क्या उन्हें किसी तीसरी पार्टी ने ऐसा करने को बोला था. हादसे के बाद वे लोग कहाँ भाग गए, उन लोगों ने कुछ दूर पहले ही लाल झंडा दिखाकर ट्रेन को क्यों नहीं रोका. ये सभी चीजें साबित करती हैं कि यह हादसा लापरवाही से नहीं बल्कि जान बूझकर कराया गया और इसका मकसद सिर्फ मोदी सरकार को बदनाम करना था. इसकी CBI जांच होनी चाहिए.
एक चीज और, इन घटनाओं के लिए चीन भी जिम्मेदार हो सकता है और पाकिस्तान भी क्योंकि डोकलाम विवाद पर चीन ने मोदी सरकार को अंजाम भुगतने की धमकी दी है, कांग्रेस के नेता चोरी छिपे मुलाकात कर रहे हैं और ऐसे हादसों की वजह से कांग्रेस और विपक्षी दलों को ही फायदा हो रहा है क्योंकि इन्हें मोदी सरकार के खिलाफ मुद्दा मिल रहा है, चीन इस वक्त भारत से युद्ध करने में डर रहा है इसलिए वह मोदी सरकार को हटाकर कांग्रेस को लाना चाहता है ताकि तिब्बत की तरह उसे अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और भूटान भी मिल जाए.