तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में 11 मई को सुनवाई है। इस बीच दोनों पक्ष अपने-अपने तर्कों से तीन तलाक का समर्थन या विरोध कर रहे हैं। इस बीच कोलकाता के एक संगठन ने तीन तलाक को सभी समुदायों के लिए लागू करने की मांग की है। पत्नी की प्रताड़ना से पीड़ित पतियों के संगठन ‘हृदय’ ने मांग की है कि तीन तलाक को सभी धर्मों में समान रूप से लागू किया जाय ताकि लोग अपनी मर्जी से तलाक ले-दे सकें। इस संगठन से जुड़े लोगों ने अपनी मांग के समर्थन में शनिवार को मध्य कोलकाता के रानी रशमोनी रोड पर सत्याग्रह किया। पश्चिम बंगाल में इस संगठन के 5000 से ज्यादा सदस्य हैं। इनमें से 20 फीसदी मुस्लिम हैं।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के फैसलों से सहमति रखते हुए इस संगठन ने भी तीन तलाक को समाज के लिए जरूरी बताया है। संगठन ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि तीन तलाक की वजह से समाज में सौहार्द्र कायम है। इसकी वजह से आसानी से दो लोग जिंदगी के रास्ते तय कर सकते हैं। यह दो लोगों की जिंदगी के बीच आई कड़वाहट को दूर करने का सरल और सुगम रास्ता है। कोलकाता में सत्याग्रह करने के बाद इस संगठन के सदस्यों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी सत्याग्रह किया है।
एचटी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक आईपीसी की धारा 498ए (पति या पति के परिवार द्वारा प्रताड़ना) के सर्वाधिक मामले दर्ज हैं। साल 2012 में देश में दर्ज मुकदमों में 19 फीसदी अकेले सिर्फ इसी सेक्शन के तहत दर्ज किए गए हैं।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से देश में तीन तलाक के मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सन लॉ बोर्ड इसे जायज बता रहा है तो ऑल इंडिया शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसे गैर कानूनी बता रहा है। इसी के मद्देनजर पिछले दिनों लखनऊ के नदवा कॉलेज में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दो दिवसीय मैराथन बैठक हुई थी। हालांकि, इस बैठक में तीन तलाक और राम मंदिर मामले पर कोई ठोस निर्णय नहीं निकल पाया लेकिन तीन तलाक देने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने तथा अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय मानने का निर्णय लिया गया
loading…
CITY TIMES