सभी 15 मुस्लिम आरोपियों से राजद्रोह का मुकदमा वापिस, पाकिस्तान की जीत पर नारे लगाने और पठाखे फोड़ने का नही मिला कोई सबूत

भोपाल | 18 जून को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए चैंपियंस ट्राफी के फाइनल में भारत की हार ने करोडो भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिल तोड़ दिए. हालाँकि मध्य प्रदेश की पुलिस के अनुसार उनके प्रदेश में कुछ ऐसे लोग थे जो पाकिस्तान की जीत का जश्न मना रहे थे, पठाखे फोड़ रहे थे और नारे लगा रहे थे. इसी वजह से पुलिस ने करीब 15 लोगो को गिरफ्तार कर उन पर राजद्रोह का मुकदमा दायर कर दिया.

पुलिस के अनुसार बुरहानपुर जिले के मोहाद गाँव में पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाया गया. पुलिस को इसकी शिकायत सुभाष लक्ष्मण कोली ने की. मध्य प्रदेश का यह गाँव मुस्लिम बहुल है लेकिन यहाँ हिन्दू और मुस्लिमो के बीच काफी सोहार्द और भाईचारा है. लेकिन कोली की शिकायत के बीच इस भाईचारे में दरार आती दिख रही है. क्योकि जिन 15 लोगो को पुलिस ने गिरफ्तार किया वो सभी मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते है.

 

 
 
अब इस मामले में नया मोड़ आया है. शिकायतकर्ता सुभाष कोली के अनुसार उसने किसी भी शख्स को नारे लगाते या पठाखे फोड़ते हुए नही देखा. बल्कि उसका कहना है की वो उस दिन अपने दोस्त की मदद करने के लिए थाने आया हुआ था इसलिए पुलिस ने जबरदस्ती उसको गवाह बना दिया. उधर पुलिस ने इस बात को माना है की उनके पास इस बात का कोई भी गवाह मौजूद नही है.
 
इसलिए पुलिस ने सभी 15 आरोपियों से राजद्रोह का मुकदमा वापिस ले लिया है. हालाँकि उसकी जगह उन्होंने सभी आरोपियों के खिलाफ साम्प्रदायिक सोहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज कर लिया है. चौकाने वाली बात यह भी है की जिन आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है उनमे से 13 लोग अनपढ़ है और ज्यादातर के घरो में न टीवी है और न मोबाइल. गाँव वालो का यह भी कहना है की कई दिन से पुलिस गाँव में घूम रही थी. उन्होंने जिसको चाहा उसको पकड़कर जेल में डाल दिया.

Prashant Chauhan कोहराम से साभार
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