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झारखण्ड में अडानी सेठ जमीन हड़प रहा है, सरकार विरोध करने वाले किसानों को गोली से उड़ा रही है, पब्लिक नाराज़ ना हो और सरकार से खुश रहे, इसलिये बीच बीच में मुसलमानों को चौराहे पर और घरों में घुसकर या थाने में बुलाकर मार डाला जाता है, इससे पब्लिक खुश रहती है कि सरकार कुछ तो कर रही है, जहां जहां ज़मीन छीनने के खिलाफ आन्दोलन चल रहा है, अगर आप वहां जाकर देखें तो आन्दोलन करने वाला वो या तो दलित होगा आदिवासी या मुसलमान,
और ज्यादातर मामलों में उस इलाके में कोई ना कोई जेएनयू का छात्र जनता को शोषण और आर्थिक लूट के बारे में समझा रहा होगा, अब आपको समझ में आया ये भाजपा वाले जेएनयू को क्यों बन्द करना चाहते हैं ? अगर जेएनयू वाले भी चुपचाप अपनी पढ़ाई करें, और जेएनयू के छात्र भी अमीरों की नौकरी करें और जनता को पिटते देखकर भी ध्यान ना दें,
फिर भाजपा को जेएनयू से कोई चिढ़ नहीं रहेगी, लेकिन परिणाम यह होगा कि आज जो किसान हैं, वह कल मज़दूर बन जायेंगे, गरीब ज़्यादा गरीब, अमीर ज़्यादा अमीर हो जायेगा, सरकार का काम ही है गरीब से जमीन छीनो, अमीरों को दे दो, इस सरकार की लूटमार का विरोध करना ही देशप्रेम है, जेएनयू वाले देशप्रेमी है, भाजपा सरकार देशद्रोह कर रही है,
(डिस्क्लेमर : यह लेखक के निजी विचार)
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