रविवार को केशोपुर झोपड़ी गांव के हजारों दलितों ने हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों को नाले में बहा दिया। ऐसा कर वे यह बताना चाहते थे कि उन्होंने अपने धर्म को अलविदा कह दिया है। अकेले अलीगढ़ में नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में दलित ऊंची जाति के अत्याचारों से परेशान हैं। हाल में मुरादाबाद और संभल से भी दलितों द्वारा इस्लाम अपनाए जाने की धमकियों की खबरें आई हैं।
अलीगढ़ में दलितों के आक्रोश का कारण भैरव बाबा मंदिर के कंस्ट्रक्शन को लेकर तनाव था। पिछले सप्ताह दलित एक कुंए के पास भैरव बाबा के मंदिर का निर्माण करना चाहते थे, लेकिन पड़ोस में रहने वाले ठाकुर समुदाय के लोग इस पर आपत्ति जता रहे थे। इसी वजह से दलित अपने धर्म का त्याग करना चाहते हैं।
स्थानीय दलित नेता बंटी सिंह ने बताया कि इतनी बड़ी तादाद में दलित समुदाय के लोगों ने इस्लाम अपनाने का फैसला ऊंची जाति के भेदभावपूर्ण रवैये के कारण किया है। ऊंची जाति के लोग दलितों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते। उन्होंने आगे कहा, ‘ऊंची जाति के लोग दलितों को हिंदू समजा का हिस्सा नहीं मानते और हमारे लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं। दलितों के लिए यही बेहतर होगा कि वे धर्म परिवर्तन का रास्ता अपनाएं।’
दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जयवीर सिंह नाम के शख्स का कहना है कि ठाकुरों ने ऐसी नालियां बनाई हैं, जो उनके शौचालयों से निकलती हैं। इन नालियों का पानी वहीं पहुंचता है, जहां भैरव बाबा का मंदिर बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है।
वहीं, ग्राम प्रधान के पति देवेंद्र चौहान का कहना है कि ठाकुरों ने कुछ गलत नवहीं किया। उन्होंने माना कि नालियां खोदी गई, लेकिन स्थानीय प्रशासन के दखल के बाद मामला सुलझ गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ स्थानीय दलित नेता इलाके में सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
मामले पर एसएसपी राजेश पांडे ने कहा कि गांव में तनाव के हालात पर ब्रेक लगाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
साभार: अमर उजाला व नवभारत टाइम्स हिंदी