फाइल फोटो |
सोशल डायरी ब्यूरो
सभी मुस्लिमों के लिए एक बड़े मुस्लिम सरकारी अफ़सर की जानिब से ख़ुफ़िया जानकारी ।
मैं भारत सरकार में एक बडा अफसर हूँ ओर आपको अगाह करना चाहता हूँ की जुमे के दिन हर मस्जीद में सादा वर्दी में देश की CID के आदमी मोजूद होते हैं । इसलिए अपनी तकरीरों मे ईस्लाम के बुनियादी अरकान और अमल का ज्यादा से ज्यादा ज़िक्र करो, बुराईयों से रोकने की तकरीर करो, एेसी तकरीर करो की लोग गुनाहों से तोबा करे, लोगों को समझाओ की ज़ितनी नमाज ज़रूरी है उतने ही नेक आमाल भी ज़रूरी है, *काफिर* शब्द की जगह *अल्लाह की ज़ात से इंकार करने वाला* शब्द का इस्तेमाल करो,एसी तकरीर करो की तकरीर मे कुछ जोडने ओर घटाने के बाद भी कुछ गलत पेश न किया जा सके,
यदि कोई नमाज से पहले या बाद में उकसावे की कार्यवाही करे तो जोश की बजाए शब्र ओर हिकमत से काम लो, फेसबुक ओर वाहट्सअप पर सरकार के खिलाफ लिखना बन्द करे, बेहद नाजुक वक्त है हिकमत से काम लो, इस बारे में अपने इमामों को बतायें, हर आम मुसलमान को बताओ अच्छे से अच्छे आमाल पेश करो कुछ भी नहीं कर सकते तो कम से कम इस मेसेज को सभी मुसलिम ग्रुपों में सेंड करो ओर अगर ये मेसेज वापस आप तक आजाए तो समझो की इंशा-अल्लाह आप आने वाले वक्त का सामना कर सकोगे, अल्लाह हाफिज।
उपरोक्त मेसेज सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर पर धड़ल्ले से वायरल हो रहा है. और इसको मुसलमानों की और से खूब फैलाया जा रहा है. यह मेसेज एक साजिश तो नहीं ? हाँ बिलकुल यह मेसेज एक साजिश है मुसलमानों के लिए. इस मेसेज में उल्लेख है की, “मस्जिदों में सीबीआई के लोग आरहे है, इसलिए अच्छी बाते ही बयान करो ” इसका साफ़ यह मतलब होता है की अबतक मस्जिदों में अच्छी बाते नहीं होती थी. यह मेसेज से साजिशकर्ता मुसलमानों द्वारा यह बताना चाह्राहे है की, किसी बड़े मुसलमान अफसर से आगाह करने के बाद मस्जिदों से गलत बातो को बंद करने के लिए अपील की जा रही है. मुसलमानों का ज्यादा जानकार ना होना और सोशल मीडिया पर अक्सर कम पढ़े लिखे लोगो का होना इस बात का सबूत है. अक्सर मुसलमान बिना सोचे समझे ऐसे मेसेज धड़ल्ले से शेयर करते है. जब साजिश जब असलियत सामने आती है बहुत से हो चुकी होती है. ऐ फेस्बुकियो और व्हाट्सएपियो जिम्मेदारी के काम समझदार, बुध्हिजिवी लोगो को करने दो, कोई भी चीज शेयर करने से पहले जानकार से सलाह ले लिया करो. वर्ना तुम सब खुद भी डूबोगे हमें भी डूबाओगे.
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