मुसलमानों को मुख्य मुद्दों से हटाने की साजिश है, सोनू और पटेल का बयान
सोशल डायरी ब्यूरो
दो दिनों से मीडिया और सोशल मीडिया सोनू निगम के नाम को लेकर खूब प्रचार और प्रसार कर रहा है. सोनू निगम का धंदा काफी दिनों से मंदा चल रहा है. मादी के दौर में पैसो की भी किल्लत होती है. और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रचार-प्रसार एडवरटाइजिंग के लिखे करोडो रुपया लगाना पड़ता है. इसलिए चतुर लोगो ने फ़ोकट के मीडिया द्वारा एडवरटाइजिंग करने का प्लान बनाया और इस्लामिक “अजान” के खिलाफ ट्विटर पर दो लाइन लिख दी और मुसलमानों ने कुछ ही घंटो में सोनू निगम को स्टार बना दिया. मुसलमानों ने सोनू निगम का इस तरह विरोध करना शुरू किया मानो जैसे सोनू निगम के दो लाइन लिखते ही साड़ी दुनिया में अजान पर पाबन्दी लगा दी गयी हो.
जैसे ही सोनू निगम का फ़ोकट में हो रही एडवरटाइजिंग का कांग्रेस के सलाहकार को पता चला उन्होंने भी दबी जुबान में सोनू निगम का समर्थन किया और आज मुसलमान जमके अहमद पटेल के एडवरटाइजिंग में लगे हुए है. गौरतलब है की, कांग्रेस गुमशुदा हो गयी है, सोनिया भी कई दिनों से गुमशुदा चल रही है. ऐसे में अहमद पटेल तो कई वर्षो से गुमनाम हो चुके थे उन्होंने अपनी चतुरता से एक दिन में सबके जुबान पर अपना नाम लिखवाया. और यह काम मुसलमानों ने कर दिखाया. मुसलमानों में प्रतिक्रया देने की जो आदत है यह मुसलमानों को एक दिन ले डूबेगी. मैं यह नहीं कहना चाहता हूँ की शतप्रतिशत मुसलमान ऐसे ही है. लेकिन 95 प्रतिशत से ज्यादा मुसलमान ऐसे ही है जो बिना सोचे समझे प्रतिक्रया देकर फंस जाते है.
क्यों दिए जा रहे ऐसे बयान ?
सोनू निगम के बयान से एक दिन पहले लखनऊ में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दो दिन की मीटिंग संपन्न हुई. जिसमे तीन तलाक के मुद्दे पर चर्चा की गयी. यह चर्चा मीडिया से छुपाई गयी लेकिन सोशल मीडिया पर इसका असर काफी तेजी से दिखाई देने लगा था. संघ बीजेपी द्वारा पांच पच्चीस महिलाओं को लेकर तीन तलाक को लेकर मुस्लिम महिलाओ का विरोध ऐसे प्रसारित किया जा रहा है. हालांकि मुस्लिम शरियत तीन तलाक को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के समर्थन में चार करोड़ से ज्यादा महिलाए आई है. यह सभी गतिविधिया दबाने के लिए सोनू नुगम और अहमद पटेल जैसे लोगो का इस्तेमाल किये जाने की चर्चा सोशल मीडिया पर कई बुद्धिजीवी लोग कर रहे है. पूर्व जस्टिस राजेन्द्र सच्चर ने भी बयान दिया के, 2019 को भारत को संघ बीजेपी द्वारा हिन्दुराष्ट्र घोषित करने की तयारी हो चुकी है और यह बहुत खतरनाक बात है और इस साजिश को विपक्षी लोग समझ नहीं पा रहे है. यह भी बयान सोनू निगम के ट्विट से दो दिन पहले ही जारी हुआ था. लेकिन इस बयान का प्रचार प्रसार किसीने नहीं किया.
मुसलमान भूल गए के हजरत उमर फारूक भी मुहम्मद (स.) के उम्मत में पैदा हुए है. जिनके डर से लोग हांडियो में अजान दिया करते थे. और अल्लाह ने उनके दिल को ऐसे मोड़ा के किसीकी मजाल नहीं खुलेआम अजान देने से किसीको रोक सके. अलाह ने कुरआन में फरमाया दुनिया पर इस्लाम ग़ालिब होगा. तो क्या अकेला सोनू निगम इसको ग़ालिब होने से रोकेगा ? नहीं तो फिर मुसलमान अपने हक़ और अधिकार कोछोडकर ऐसे अनहोनी बातो पर चर्चा करने में क्यों व्यस्त हो जाते है ? अखलाख को भूल गए, मोहसिन को भूल गए, गुजरात के अयूब को भूल गए, पहलु खान को भूल गए, नजीब को भूल गए. अपने खिलाफ होने वाले सारे जुल्म को भूल गए और अजान के नाम पर लोगो के धंदे में तेजी लाने के लिए सोशल मीडिया पर एडवरटाइजिंग कर रहे है.
अफ़सोस हम किधर जा रहे है. हमने तो केरला के मुख्यमंत्री का सपोर्ट करना चाहिए था जो पहलु खान को इन्साफ दिलाने के लिए लड़ रहे है, हमें तो इन्साफ के लिए लड़ना है, जुल्म के खिलाफ लड़ना है. हम उसके लिए हमारा वक्त बर्बाद कर रहे है जिसकी जिम्मेदारी अल्लाह ने ली है. (नऔजुबिल्लाह मं जालिक) क्या आजके मुसलमानों को अल्लाह पर भरोषा नहीं रहा ? क्या अल्लाह कुरआन और दिन की हिफाजत करने में सक्षम नहीं है ? इसलिए हमारे डेढ़ सयाने मुसलमान वह काम कर रहे है ? बाज आजाओ मुसलमानों युम्हे तुम्हारी नादानी, बेवकूफी एक दिन ले डूबेगी. तुम्हारे से सबकुछ छीन लिया जाएगा और तुम ऐसे ही मसले मसईलो में उलझे रहोगे और अल्लाह अपना वो वादा पूरा करेगा.
“अगर तुमने मेरा काम छोड़ दिया तो मैं गैर कौम से काम लूंगा (अल-करान)”
-अहेमद कुरेशी-
रिहाई मंच, प्रदेशाध्यक्ष महाराष्ट्र
(नोट- यह लेख उन मुसलमानों के लिए है जो सोशल मीडिया पर बेवकूफी कर रहे है, जिनकी तादाद 95 प्रतिशत है)
(नोट- यह लेख उन मुसलमानों के लिए है जो सोशल मीडिया पर बेवकूफी कर रहे है, जिनकी तादाद 95 प्रतिशत है)
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