फिर कही सिख़ ये कहते है कि मुसलमानों ने हमारें गुरूओं को शहीद किया हमारें सिख़ों कों शहीद किया । फलाना,फलाना और भी बहुत कुछ . . . हां सिख़ों उस समय मुसलमानों ने हमारें गुरू साहिब और सिख़ों को शहीद किया जरूर था । लेकिन उसके पीछे का मास्टरमाइंड कही ना कही हिन्दु
(मनुवादी) ही था ।
उदाहरण:- चंदु गंगु सुच्चा नंद हिन्दु (मनुवादी) पहाड़ी राजे लख़पत राय आदि । मारने वाले से मरवाने वाला बड़ा होता है ।
सिख़ों जब तक ये हिन्दु मुसलमानों, अंग्रेजों के गुलाम थे । तब तक हिन्दु
(मनुवादी) सिख़ों को अपना भाई बोलते थें । लेकिन जब 1947 मे राजसत्ता हिन्दुओं (मनुवादीयो) के हाथ आई ।तब हिन्दुओं
(मनुवादीयो) ने अपना सिख़ भाई वाला रिशता भुला कर अपनी पूरी ताकत लगा दी थी सिख़ कौम को खतम करने के लिए । सिख़ कौम की नसलकुशी करने के लिए ।असल में भारतिय मीडिया के प्रभाव हेतु सिख़ों को यह पता नही चल पा रहा है की उनका असली दुशमन कौन है । सिख़ तो बस वही सच मानतें है जो उन्हे दिखाया व पढ़ाया जाता । लेकिन सच तो कुछ और ही होता है ।
हिन्दुओं
(मनुवादीयो) का तो असल मे ऐसा है कीमुह मे राम,
बगल मे छूरी !!!
सिख़ों ये हिन्दु (मनुवादी) तुमाहरें सामने तों तुमे भाई बोलतें है लेकिन तुम्हारी पीठ पीछे तुम्हें ख़तम करनें की साजिश बनातें है ।
भक्त लौग मुझे गाली देने से पहलें एक बार सिख़ इतहास मे हिन्दुओं
(मनुवादीयो) का किरदार (रौल) जरूर देख़ें ।