सिक्खों असली दुश्मन को पहचानो, मुसलमान हमारा दुश्मन नहीं है -परमिंदर सिंह बागी

सिख़ों अपने दुशमन की पहचान करों । चलाक हिन्दु (मनुवादी) सिख़ों को मुसलमानों से लड़वाना चाहता है । इस में हिन्दुओं का सबसे बड़ा फायदा भारत को हिन्दु_राष्ट्र बनाने मे होगा ।

फिर कही सिख़ ये कहते है कि मुसलमानों ने हमारें गुरूओं को शहीद किया हमारें सिख़ों कों शहीद किया । फलाना,फलाना और भी बहुत कुछ . . . हां सिख़ों उस समय मुसलमानों ने हमारें गुरू साहिब और सिख़ों को शहीद किया जरूर था । लेकिन उसके पीछे का मास्टरमाइंड कही ना कही हिन्दु  
(मनुवादी) ही था ।
उदाहरण:- चंदु गंगु सुच्चा नंद हिन्दु
(मनुवादी) पहाड़ी राजे लख़पत राय आदि । मारने वाले से मरवाने वाला बड़ा होता है ।

सिख़ों जब तक ये हिन्दु मुसलमानों, अंग्रेजों के गुलाम थे । तब तक हिन्दु (मनुवादी) सिख़ों को अपना भाई बोलते थें । लेकिन जब 1947 मे राजसत्ता हिन्दुओं (मनुवादीयो) के हाथ आई ।

तब हिन्दुओं (मनुवादीयो) ने अपना सिख़ भाई वाला रिशता भुला कर अपनी पूरी ताकत लगा दी थी सिख़ कौम को खतम करने के लिए । सिख़ कौम की नसलकुशी करने के लिए ।

उदाहरण:- जून 1984 साका दरबार साहिब, नवंबर 1984  सिख़ नसलकुशी, आप्रेशन बलैक थंडर, आप्रेशन वुड रोज़, फिर उसके बाद पंजाब मे डेरावाद और नशें का प्रचार आदि ।

असल में भारतिय मीडिया के प्रभाव हेतु सिख़ों को यह पता नही चल पा रहा है की उनका असली दुशमन कौन है । सिख़ तो बस वही सच मानतें है जो उन्हे दिखाया व पढ़ाया जाता । लेकिन सच तो कुछ और ही होता है ।

हिन्दुओं (मनुवादीयो) का तो असल मे ऐसा है की
मुह मे राम,
बगल मे छूरी !!!
सिख़ों ये हिन्दु
(मनुवादी) तुमाहरें सामने तों तुमे भाई बोलतें है लेकिन तुम्हारी पीठ पीछे तुम्हें ख़तम करनें की साजिश बनातें है ।

भक्त लौग मुझे गाली देने से पहलें एक बार सिख़ इतहास मे हिन्दुओं (मनुवादीयो) का किरदार (रौल) जरूर देख़ें ।

(नोट- इस पोस्ट में हिन्दू मनुवादियों को कहा गया  है)
(डिस्क्लेमर – उपरोक्त लेखक के निजी विचार है. सोशल डायरी से कोई सरोकार नहीं)
CITY TIMES

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