सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में अब जजमेंट को अंग्रेजी से हिन्दी में ट्रांसलेट किया जाएगा. इसके बाद इसका क्षेत्रीय भाषाओं में भी अनुवाद करने की कोशिश होगी. 500 पन्नों जैसे बड़े जजमेंट को संक्षिप्त करके एक या दो पन्नों में करेंगे ताकि आम लोगों को समझ में आ जाए.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एसए बोबडे ने आज सुप्रीम कोर्ट के प्रेस लाउंज में पत्रकारों से बातचीत की. इतिहास में पहली बार कोलेजियम की सिफारिश के 48 घंटों के भीतर चार जजों की नियुक्ति को लेकर पूछे गए सवाल पर जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि इसका जवाब तो लॉ मिनिस्ट्री ही देगी. जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि बुधवार को हमने सिफारिश भेजी थी और शाम को पता चला कि जजों का मेडिकल हो गया है. जस्टिस गोगोई ने हंसते हुए कहा कि मैं भी हैरान था.
सुप्रीम कोर्ट में थिंक टैंक को लेकर किए गए सवाल पर सीजेआई ने कहा कि एक थिंक टैंक बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजमेंटों को हिंदी में भी ट्रांसलेट किया जा सके. आम लोग भी कोर्ट के फैसले को समझ सकें. इतना ही नहीं हम इस पर भी काम कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के बड़े-बड़े फैसलों को कैसे संक्षिप्त करके लोगों तक पहुंचाया जा सके.
CJI गोगोई ने बताया कि अब सोमवार और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दो-दो जजों की 14 बेंचें सुनवाई करेंगी.
इन दिनों में तीन जजों की बेंच की जरूरत नहीं है. बाकी दिनों में तीन-तीन जजों की पांच बेंच होंगी, शेष दो- दो जजों की रहेंगी.