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भारत में भीड़ के हाथों हत्या के बढ़तों मामलों के ख़िलाफ़ बुधवार को कई जगह प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन के लिए सोशल मीडिया पर #NotInMyName चलाया गया. सत्ताधारी भाजपा ने इन प्रदर्शनों को पाखंड कहा है.
भाजपा प्रवक्ता नलिन एस कोहली ने ट्वीट कर कहा, “हर लिंचिंग हत्या है. इसकी निंदा होनी ही चाहिए. दोषियों को फांसी दी जानी चाहिए. बात ख़त्म. #NotInMyName जैसी चयनात्मक निंदा पाखंड है.”
भाजपा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने लिखा, “मुझे इसकी निष्ठा पर शक़ नहीं है लेकिन #NotInMyName मुझे मीडिया का, मीडिया के लिए, मीडिया के द्वारा किया प्रदर्शन लगता है.” विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट किया, “ये प्रदर्शन भीड़ के हाथों क़त्ल के ख़िलाफ़ हैं या मोदी के, आप ही तय कीजिए.”
बीजेपी महिला मोर्चा की सदस्य प्रीति गांधी ने ट्वीट किया, “अवॉर्ड वापसी गैंग और चर्च पर झूठों हमलों पर प्रदर्शन करने वाले लोग ही अब #NotInMyName अभियान चला रहे हैं. वही पुराने लोग हैं जिनका दोबारा रिसाइकल करके इस्तेमाल किया जा रहा है.”
भाजपा की आईटी टीम के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया, “#NotInMyName के आयोजक कराची के लोगों के संपर्क में थे ताकि पाकिस्तान की ज़मीन पर भी प्रदर्शन हो सकें. मैंने तो पहले ही बता दिया था कि ये लोग राष्ट्र विरोधी हैं.”
भीड़ के हाथों हत्या के मामलों पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभी तक कोई बयान नहीं आया है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार भीड़ के हाथों हत्या के मामलों में ढील बरत रही है और ऐसी घटनाओं की ज़िम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है.
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