संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि तथाकथित चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने इराक़ के मूसल शहर में एक लाख से अधिक लोगों को बंदी बना रखा है. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि इस्लामिक स्टेट इन नागरिकों को मानव-ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.
शरणार्थी सेवा के लिए बनाई गई संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा है कि उग्रवादियों ने जब अपने गढ़ की ओर पीछे हटना शुरू किया, तो वे स्थानीय लोगों को अपने साथ ले गए.
संयुक्त राष्ट्र ने बताया है कि इस्लामिक स्टेट का कब्ज़ा अब सिर्फ इराक़ के पुराने शहर के हिस्से तक ही सीमित रह गया है इराक़ से मिल रहीं रिपोर्टों के मुताबिक़, जिन लोगों को इस्लामिक स्टेट ने बंदी बनाया है, उनके पास खाने-पानी का कोई बंदोबस्त नहीं है.
इराक़ी सैन्य बल लगातार इस पुराने शहर में दाख़िल होने की कोशिश कर रहे हैं. पुराने शहरो में शतप्रतिशत मुसलमान है.
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