उत्तर प्रदेश के नंदरौली में 33 और मुस्लिम परिवार गांव छोड़कर चले गए हैं। बीते 11 मई को अल्पसंख्यक समाज के घरों पर हुए हमले के बाद यहां अल्पसंख्यक परिवार डरे हुए हैं। ताजा घटनाक्रम भी इसी सिलसिले का हिस्सा है। यहां एक समुदाय के युवक के दूसरे समुदाय की विवाहित महिला के साथ गायब होने के बाद तनाव का माहौल है। 11 मई को हुई हिंसा के बाद 10 परिवार गांव छोड़कर चले गए थे। इनमें विवाहित महिला को ले जाने वाले युवक का परिवार भी शामिल था। ये परिवार अब बदायूं, संभल और अलीगढ़ में रह रहे हैं।
मोहम्मद शकील पेशे से टीचर हैं। उनका परिवार हिंसा का शिकार हुआ था। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘पुलिस और प्रशासन पर से हमारा विश्वास उठ चुका है। हमलावरों ने मेरा पूरा घर लूट लिया और मेरे बेटों और बेटियों पर हमला किया।’ गुन्नौर के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट अखिलेश यादव का कहना है, ‘प्रशासन गांव में अभी भी रह रहे परिवारों को खाना उपलब्ध करा रहा है। हमने पुलिस से गांव छोड़कर जानेवाले परिवारों की लिस्ट तैयार करने और दूसरी जगहों पर बसाने को कहा है। हम उनसे वापस आने की अपील करेंगे और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेंगे।’
बीते 8 मई की घटना के बाद नंदरौली गांव में मुस्लिमों के घरों में लूट और तोड़फोड़ की वारदात हुई थी। घरों में आग भी लगा दी गई थी। गांव के प्रधान प्रमोद कुमार यादव का कहना है, ‘गांव में रहनेवालों लोगों में 10 प्रतिशत मुस्लिम हैं। बीती दो रातों में हुए हमलों के दौरान जब महिलाओं और बच्चों को पीटा गया तो उनके रोने की आवाजें मैंने सुनीं।’
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