लखनऊ, उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान EVM मशीन में छेड़छाड़ और नतीजों में धांधली का आरोप लगा था जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ईवीएम से छेड़छाड़ के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इलेक्शन कमीशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कई नेताओं ने ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। हालांकि इलेक्शन कमीशन ने दावा किया था कि ये मशीनें पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनमें किसी भी तरह की गड़बड़ी किए जाने की गुंजाइश नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर फिलहाल कोई ऑर्डर जारी करने से इनकार कर दिया है। याचिका में कहा गया है कि पांच राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में इलेक्शन कमीशन ने जिन ईवीएम का इस्तेमाल किया, उनसे आसानी से छेड़छाड़ की जा सकती है, इसलिए इन मशीन की ठीक तरीके से जांच की जानी चाहिए। ईवीएम से छेड़छाड़ की जांच अमेरिकी कम्प्यूटर साइंटिस्ट से भी करानी चाहिए।
याचिका में मामले की जांच के लिए केंद्र सरकार को एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी विधानसभा चुनावों में हार के बाद कहा था, चुनाव जनता ने नहीं, ईवीएम ने हराया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 325 सीट जीतकर भी बनावटी मुस्कराहट से साफ जाहिर होता है कि चुनाव धांधली कराकर जीता गया है।
उत्तराखंड असेंबली इलेक्शन में हार के बाद हरीश रावत ने कहा था, मोदी क्रांति और ईवीएम के चमत्कार को सलाम करता हूं।
वहीं, अरविंद केजरीवाल ने कहा था, पंजाब में AAP का 20 से 25% वोट ईवीएम के जरिए अकालियों को ट्रांसफर हो गया। मेरा मानना है कि हम जीत रहे थे और ईवीएम में गड़बडी के असली कारण क्या थे, इसका मुझे पता नहीं है। अगर ईवीएम में गड़बड़ी की जाती है तो चुनावों का क्या मतलब। हमें पंजाब में सत्ता से बाहर रखने के लिए सारा खेल किया गया।
इस मामले में ममता बनर्जी ने 17 मार्च को कहा था, चुनाव आयोग को इस मसले पर ऑल पार्टी मीटिंग बुलानी चाहिए। ममता ने बीजेपी लीडर सुब्रमण्यम स्वामी के उस वीडियो टेप का हवाला दिया था, जिसमें स्वामी ने ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकने की बात कही थी।
ममता ने कहा था, स्वामी कानून के अच्छे जानकार हैं और इसलिए वह जो कुछ कह रहे हैं, उसे समझा जाना चाहिए और उसकी जांच की जानी चाहिए। (साभार)
CITY TIMES