चुनाव आयोग का सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा : दागी नेताओं पर आजीवीन लगे प्रतिबंद्ध

सोमवार मार्च 20, 2017 
मामले पर कल सुनवाई होने की संभावना है.नई दिल्ली: नेताओं और नौकरशाहों के खिलाफ चल रहे मुकदमों की सुनवाई एक साल में पूरा करने के लिये स्पेशल फास्ट कोर्ट बनाने की मांग का समर्थन किया. सजायाफ्ता व्यक्ति के चुनाव लड़ने, राजनीतिक पार्टी बनाने और पार्टी पदाधिकारी बनने पर आजीवन प्रतिबंध लगाए जाने का भी समर्थन किया. इस मामले पर कल सुनवाई होने की संभावना है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर उसका पक्ष मांगा था.
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि उसने चुनावों में डिक्रिमिनलाइजेशन के लिए कानून मंत्रालय को प्रस्ताव भेजे हैं लेकिन वो अभी पेंडिंग हैं. इसके अलावा पेड न्यूज पर प्रतिबंध लगाने, चुनाव से 48 घंटे पहले प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों पर प्रतिबंद्ध लगाने, घूस लेने को संज्ञानीय अपराध बनाने और चुनाव खर्च के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव शामिल हैं.
हालांकि  चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता और अधिकतम आयु सीमा निर्धारित किए जाने की मांग पर चुनाव आयोग का कहना है कि ये उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है. इसे लेकर विधायी कानून बनाया जा सकता है.
दरअसल बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में मांग की है कि नेताओं और नौकरशाहों के खिलाफ चल रहे मुकदमों की सुनवाई एक साल में पूरा करने के लिये स्पेशल फास्ट कोर्ट बनाया जाए. याचिका में ये भी कहा गया है कि सजायाफ्ता व्यक्ति के चुनाव लड़ने, राजनीतिक पार्टी बनाने और पार्टी पदाधिकारी बनने पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाए. चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता और अधिकतम आयु सीमा निर्धारित किया जाए और चुनाव आयोग, विधि आयोग और जस्टिस वेंकटचलैया आयोग के सुझावों को तत्काल लागू किया जाए.
CITY TIMES

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *