ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को संसद में कहा कि कश्मीर पर ब्रिटेन का लंबे समय से रुख रहा है कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है. इस रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है लेकिन घाटी की स्थिति देश के लिए ‘गहन’ चिंता का विषय है. यूरोपीय संघ के 23 सांसदों के हालात का जायजा लेने के लिए जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचने की पृष्ठभूमि में जॉनसन का यह बयान आया है.
दौरा कर रहे यूरोपीय संघ के सांसदों ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को बुधवार को भारत का आंतरिक मुद्दा बताया और कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश के साथ खड़ा है.
जॉनसन 12 दिसंबर को आम चुनाव के पहले संसद में आखिरी प्रश्न काल के दौरान कंजरवेटिव पार्टी के सांसद स्टीव बेकर के सवाल का जवाब दे रहे थे. हाउस ऑफ कॉमन्स में उन्होंने सांसदों से कहा, ”कश्मीर के लोगों का कल्याण ब्रिटेन सरकार के लिए गहन चिंता का विषय है.’
जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन सरकार की लंबे समय से यह राय रही है कि कश्मीर मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को आपस में सुलझाना है. दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में वायकोंबे से सांसद बेकर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से मुखर तरीके से आवाज उठाने वाले सांसदों में है. बेकर के संसदीय क्षेत्र में कश्मीरी मूल के लोगों की अच्छी खासी आबादी है.