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भारत के पश्चिम बंगाल से सटे देश म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के साथ बीते 25 अगस्त से हिंसा जारी है,जिसमे अब तक करीब एक हज़ार लोगों की हत्या हो चुकी हैऔर तीन लाख से ज़्यादा लोग दुसरे देशो में शरण लेने कके लिए मजबूर हो गए हैं.
एर्दोगान ने उठायी मुसलमानो के लिए आवाज़…
रोहिंग्या मुसलमानों पर होने वाले इस अत्याचार के खिलाफ सबसे पहले तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यब एर्दोगान ने आवाज उठायी थी.इतना ही नहीं उन्होंने ही बंग्लादेश से कहा था कि वह रोहिंग्या मुसलमानों को अपने देश में पनाह दे उनका खर्च तुर्की सरकार उठायेगी. बस इसी दरयादिली से लोग उनके दीवाने हो गए हैं.
रोहिंग्या मुसलमानों पर होने वाले इस अत्याचार के खिलाफ सबसे पहले तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यब एर्दोगान ने आवाज उठायी थी.इतना ही नहीं उन्होंने ही बंग्लादेश से कहा था कि वह रोहिंग्या मुसलमानों को अपने देश में पनाह दे उनका खर्च तुर्की सरकार उठायेगी. बस इसी दरयादिली से लोग उनके दीवाने हो गए हैं.
सीरिया के लोगों की भी की थी मदद…
आपको बता दें कि तैय्यब एर्दोगान पहले भी सीरिया के लोगों की मदद ककर चुके हैं. वो अब तक 40 लाख सीरियाई को अपने देश तुर्की में पनाह दे चुके हैं, म्यांमार जनसंहार पर खुल कर संयुक्त राष्ट्र में बोलने वाले और रोहिंग्या की हर तरह से मदद करने में एर्दोगान सबसे आगे हैं.
आपको बता दें कि तैय्यब एर्दोगान पहले भी सीरिया के लोगों की मदद ककर चुके हैं. वो अब तक 40 लाख सीरियाई को अपने देश तुर्की में पनाह दे चुके हैं, म्यांमार जनसंहार पर खुल कर संयुक्त राष्ट्र में बोलने वाले और रोहिंग्या की हर तरह से मदद करने में एर्दोगान सबसे आगे हैं.
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