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ज़ायोनी शासन के सामचार पत्र हारेट्ज़ ने लिखा है कि म्यांमार को हथियार बेचने के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद इस्राईल, मुसलमानों के जनसंहार के लक्ष्य से म्यांमार की सेना के लिए सैन्य उपकरण और हथियार भेज रहा है।
पारस की रिपोर्ट के अनुसार इस्राईली समाचार पत्र हारेट्ज़ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि इस्राईल से म्यांमार के सैनिकों को गोलियां दी हैं उनका प्रयोग म्यांमार की मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को लक्ष्य बनाने के लिए हो रहा है।
समाचार पत्र लिखता है कि म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा पर स्थित नफ़ नदी के तट से मिलने वाले 26 लोगों के शवों की ओर संकेत करते हुए जिनमें 12 बच्चे भी शामिल थे, कहा कि यह लोग बांग्लादेश भागना चाहते थे किन्तु म्यांमार के सैनिकों के हाथों में मौजूद इस्राईली हथियारों का शिकार हो गये।
इस रिपोर्ट के आधार पर रोहिंग्या मुसलमानों के विरुद्ध म्यांमार की सेना और बौद्ध कट्टरपंथियों की हिंसक कार्यवाहियां व्यापक रूप धारण कर गयी हैं और संयुक्त राष्ट्र संघ को सैटेलाइट से जो तस्वीरें प्राप्त हुई हैं उनसे पता चलता है कि छह लाख लोग, राख़ीन प्रांत में अपना घर बार जला दिए जाने और व्यापक स्तर पर जनसंहार करे बाद फ़रार हैं और ईधर उधर भटक रहे हैं किन्तु इस हृदय विदारक घटना के कारण इस्राईल की नीति में तनिक भी परिवर्तन नहीं हुआ।
ज्ञात रहे कि म्यांमार के राख़ीन प्रांत में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों पर 2012 से अतिवादी बौद्धों की ओर से हमले किये जा रहे हैं। समाचारों में बताया गया है कि पिछले दो सप्ताहों से म्यांमार की सेना और अतिवादी बौद्ध मिलकर रोहिंग्या मुसलमानों की हत्याएं कर रहे हैं जिसके कारण हज़ारों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमान मारे गए हैं।
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