Discount will be available on selected products

Cart

Your Cart is Empty

Back To Shop

दम तोड़ रहे कई मासूमो की जान बचाई और अकेले जूझते रहे डॉ. कफील

loading…
सोशल डायरी ब्यूरो
दम तोड़ रहे डोक्टारो को बचाने के लिए जूझते रहे डॉ. कफील
नाम को सार्थक कर गए डॉक्टर कफील अहेमद. कफील का मतलब मदतगार होता है. शुक्रवार को डॉ. कफील ने अपने नाम के अर्थ को सार्थक कर दिया.

गोरखपुर : गुरूवार रात के दो बज रहे थे. इंसेफेलाईटिस वार्ड के कर्मचारियों ने प्रभारी v बालरोग विशेषज्ञ डॉ. कफील अहेमद को सुचना दी की अगले एक घंटे बाद ऑक्सिजन ख़त्म हो जायेगी. इस सुचना के बाद डॉ. कफील अहेमद की नींद उड़ गयी. वह अपने कार से मित्र डॉक्टर के अस्पताल गए और वहां से ऑक्सिजन का जम्बो सिलेंडर लेकर शुक्रवार के सुबह तीन बजे सीधे बीआरडी पहुंचे. तीन सिलेंडरो से बालरोग विभाग में करीब 15 मिनिट ऑक्सिजन सप्लाई हो सकी. सुबह सात बजे ऑक्सिजन ख़त्म होने पर एक बार फिर वार्ड में हालात बेकाबू होने लगे, वार्ड में तैनात डॉक्टर और कर्मचारी परेशान होने लगे. उधर ऑक्सिजन सिलेंडर की खेप आने में करीब डॉ घंटे देरी थी. ऐसे में डॉ. कफील अहेमद ही हर मोर्चे पर जूझते रहे. वार्ड में घूम-घूम कर बेहद ऐसे मरीजो का इलाज किया जिनके दिल की धड़कन मंद हो रही थी. साथ में ज्युनियर डॉक्टरों को एम्बु बैग चलाने का निर्देश भी किया.

डॉ, कफील को यह समझने में देर ना लगी की ऑक्सिजन मिले बगैर उनका प्रयास सफल न होगा. उन्होंने जिले में आधा दर्जन ऑक्सिजन सप्लायरो से फोन पर बात की, मयूर गैसेज ऑक्सिजन सिलेंडरो की नकद भुगतान मिलने पर रिफिल करने को तैयार हो गया. डॉ. कफील तुरंत एक कर्मचारी को एटीएम कार्ड देकर रुपये निकालने के इए भेजा. फैजाबाद से आये इम्पीरियल गैसेज कम्पनी के ट्रक चालक को डीजल और दुसरे खर्च की रकम जेब से देकर खलीलाबाद भेजा.

अधिकारियों से मांगी मदत : मयूर गैसेज संचालक जब सिलेंडरो को रिफिल करने से मुकरने लगे तब एक बार फिर डॉ. कफील सामने आये. उन्होंने पुरे मामले की जानकारी प्रशासन के आला अधिकारियों को देकर मदत की गुहार लगाई.

loading…
CITY TIMES

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Cart

Your Cart is Empty

Back To Shop