जस्टिस एसएस खेमकर और जस्टिस एनडब्ल्यू सामरे वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने आज यह फैसला राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष एमएम शेख की ओर से दायर याचिका पर ये फैसला दिया है.
याचिका में औरंगाबाद नगर निगम की ओर से तैयार की गई उस सूची को चुनौती दी गई थी जिसमें उक्त संपत्तियों के को गिराने का नोटिस जारी किया गया था.
अवैध धार्मिक स्थलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए औरंगाबाद नगर निगम ने एक हजार एक सौ एक धार्मिक स्थानों को गिराने का फैसला लिया है.
इस संबंध में निगम ने नोटिस भी जारी कर दिया है. याचिका में कहा गया कि नगर निगम के फैसले में सैकड़ों बरसों पुरानी व पुरातात्विक श्रेणी में आने वाली वक्फ बोर्ड की 138 मस्जिद और दरगाहें भी शामिल हैं.