महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड ने इतिहास के पाठ्यक्रम में से मुगल साम्राज्य से जुड़े अध्यायों को हटाना शुरू कर दिया है। इस साल के लिए बोर्ड द्वारा संशोधित किताबों में स्कूल के 7वीं से 9वीं कक्षा तक के छात्रों के इतिहास के पाठ्यक्रम में मराठा साम्राज्य पर जोर दिया गया है जबकि मुगल साम्राज्य पाठ्यक्रम से नदारद है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक 7वीं कक्षा की किताब में से उन अध्यायों को हटाया गया है जिनमें मुगल और रजिया सुल्तान और मोहम्मद बिन तुगलक जैसे मुस्लिम शासकों का जिक्र है। नए पाठ्यक्रम में ताज महल, कुतुब मिनार और लाल किला जैसे स्मारकों का भी कोई जिक्र नहीं है। वहीं 9वीं कक्षा की किताब में बोफोर्स घोटाला और 1975-1977 में लगी इमरजेंसी का भी जिक्र है।
खबर के मुताबिक 7वीं कक्षा की किताब में अकबर को जानकारी दी गई है, “अकबर मुशल वंश का सबसे शक्तिशाली राजा था। जब उसने भारत को एक केंद्रीय सत्ता के अधीन लाने की कोशिश की तो उसे कड़े विरोध का सामनाकरना पड़ा। महाराणा प्रताप, चांद बीबी और रानी दुर्गावती ने उनके खिलाफ संघर्ष किया। उनका संघर्ष उल्लेखनीय है।” अकबर के शासनकाल को तीन लाइनों में सिमटने की कोशिश की गई है। दिया गया है। इसके अलावा किताब में रुपया को लेकर भी कोई जिक्र नहीं है। भी उल्लेख नहीं है जिसे अफगान आक्रांताओं ने जारी किया था जो अब तक प्रचलन में है। वहीं बीते साल की पुस्तक की बात करें तो उसमें अकबर को एक उदार और सहिष्णु शासक बताया गया था।