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गौरक्षको के आतंक का शिकार हो चुके 25 से ज़्यादा बेगुनाह मुसलमानों की ख़बर किसी से छिपी नहीं है। मुसलमान कौम ख़ुद को कितना ग़ैरमहफ़ूज़ महसूस कर रही है शायद इसका अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता है। ऐसे में सपा नेता शहजाद आलम बरनी ने अपनी आप बीती बयान करते हुए कहा कि “मेरे बड़े भाई भोपाल मैं नौकरी करते है लेकिन कंपनी के काम से उन्हें कही ट्रेन से जाना था तो मेरी मॉं रात भर सोयी ही नहीं जब तक कि भाई सही सलामत अपने मुक़ाम पर नहीं पहुँच गये।”
बरनी ने की माँग….
बरनी ने फ़ेसबुक पेज पर लिखा है कि ‘हिन्दुस्तानी हुकूमत अल्पसंख्यकों की हिफ़ाज़त की बातें तो करती है लेकिन उस पर अमल कितना होता है ये बात सभी लोग बख़ूबी जानते है। मेरी हुकुमते हिन्द से गुज़ारिश है कि मुसलमानों को अपनी हिफ़ाज़त के लिये अपने साथ तलवार या चाक़ू रखने की इजाज़त मिलनी चाहिये ताकि फिर से कोई जुनैद किसी भीड़ का शिकार ना हो सके।’
-मुस्लिम इशू से साभार
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