आवामी काउंसिल फार डेमोक्रेसी एण्ड पीस के महासचिव असद हयात ने कहा कि जयपुर हाईकोर्ट ने पहलू हत्याकांड के आरोपी रविन्द्र को जमानत दे दी है। इस घटना की कई सीडियां हैं जिनको पुलिस ने विवेचना में शामिल नहीं किया है। पुलिस ने जानबूझकर रवीन्द्र की शिनाख्त पहलू के घायल लड़कों और अन्य पीड़ितों से नहीं कराई जो गिरफ्तारी के तीस दिनों के भीतर होनी आवश्यक थी। इससे स्पष्ट है कि पुलिस द्वारा रवीन्द्र और अन्य आरोपियों को बचाने के लिए पूरे प्रयास किए गए हैं। रवीन्द्र की जमानत ने साफ किया कि पुलिस इस घटना की निष्पक्ष विवेचना नहीं कर रही है।
गौरतलब है कि 53 साल के शाकिर अपनी फैमिली के साथ फर्रुखाबाद-शिकोहाबाद पैसेंजर ट्रेन में सफर कर रहे थे। कुछ लोग ट्रेन में चढ़े और महिलाओं के साथ छेड़खानी शुरू कर दी जब इस छेड़छाड़ का विरोध किया तो शाकिर के परिवार और उन लोगों के बीच बहस होने लगी। उन लोगों ने फोन करके अपने साथियों को बुला लिया और परिवार से मारपीट शुरू कर दी। पीड़ितों पर रॉड से हमला किया गया। उन लोगों ने न सिर्फ उन्हें लूटा बल्कि औरतों के साथ बदतमीजी भी की। उन्होंने मानसिक तौर पर कमजोर उनके 17 साल के बेटे पर भी रहम नहीं खाया। शाकिर के सिर और हाथ में गंभीर चोटें आईं हैं। शाकिर के साथ उनकी पत्नी आसिया, बेटी अर्शी, तीन बेटे अरासान, फैजान, फिजू, शाकिर के भाई आरिफ, उनके भतीजे, शाकिर के साले शाहिद और उनकी दो बहनें शहनाज और मेनाज भी जख्मी हुए हैं। इनमें चार के सिर में चोट आई है। चार के हाथ में फ्रैक्चर हुआ है।