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योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ियों के रास्ते में आने वाले गूलर के वृक्ष काटने का आदेश दिया है, क्योंकि मुख्यमंत्री की समझ के हिसाब से गुलर का वृक्ष अशुभ होता है, आज मैंने फिर से पढ़ा की मुख्यमंत्री ने फिर कहा है की बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए और बुरे ग्रहों के प्रकोप से बचने के लिए नवग्रह वृक्ष और शुभ वृक्ष लगाने चाहिए, विज्ञान के अनुसार कोई भी वृक्ष अशुभ नहीं होता,
खास तौर से गुलर तो बिल्कुल भी अनुपयोगी पेड़ नहीं है, योगी आदित्यनाथ ने जो कहा है वह ज्ञान और विज्ञान के खिलाफ बात है, ऐसी बातें सिर्फ कोई अंधविश्वासी व्यक्ति ही कह सकता है, भारत का संविधान कहता है कि “राज्य का कर्तव्य होगा कि वह अपने नागरिकों में वैज्ञानिक सोच का प्रसार करे,” लेकिन जिस तरह शासन के शीर्ष पर बैठे हुए लोग अंधविश्वास और अवैज्ञानिक मूढ़ता का प्रचार कर रहे हैं, वह न केवल युवा मस्तिष्क को पीछे ले जाएगी बल्कि यह एक संविधान विरोधी कृत्य भी है,
संविधान की शपथ लेने वाला व्यक्ति संविधान के विरुद्ध काम नहीं कर सकता, जनता ने अपने प्रदेश का विकास करने के लिए एक मुख्यमंत्री को चुना है, ना की पूजा पाठ करवाने और शुभ-अशुभ का विचार करवाने के लिए किसी ज्योतिषी को नियुक्त किया है, यह बहुत ही शर्मनाक हालत है की भारत के सबसे बड़े प्रदेश का मुख्यमंत्री इस तरह की मूर्खतापूर्ण और अवैज्ञानिक बातें करे, इससे न सिर्फ जनता का नुकसान होगा बल्कि पूरी दुनिया में भारत की खिल्ली भी उड़ेगी,
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