PNB में आपका खाता है तो आपभी घोटाले के तार से जुडे़ हो सकते हैं
नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले के बाद अब एक-एक करके बड़े खुलासे हो रहे हैं. देश के कई बड़े नेता, राजनीतिक पार्टियों और मशहूर हस्तियों के काले कारनामों का पर्दाफ़ाश हो रहा है. लुटेरे देश को बेचने में लगे हुए थे, खोखला कर रहे थे, मगर मोदी सरकार ने इनकी सारी योजनाओं को धराशायी कर दिया. मामला अब केवल पीएनबी बैंक तक सीमित नहीं रहा बल्कि अब इसके लिंक कागजी कंपनियों और हवाला नेटवर्क से होते हुए देश की बड़ी राजनीतिक पार्टियों से जुड़ गए हैं.
*पीएनबी घोटाले के तार जुड़े आम आदमी पार्टी से*
मोदी सरकार के सख्त आदेशों के बाद जांच एजेंसियां तेजी से एक्शन में हैं. पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी, रिश्तेदारों और उनके सहयोगियों से जुड़ी 150 शैल कंपनियों का पता लगा है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और सीबीआई की कार्रवाई को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
दरअसल शैल कंपनियों का इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों और कालेधन को खपाने में किया जाता है. पूरे मामले के लिंक अब अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से भी जुड़ गए हैं. जानकारी मिली है कि 2010 से लेकर 2014 के बीच पीएनबी और केनरा बैंक ने एक बेनामी कंपनी को 5,86,50,00,000 रुपये के लोन दिए.
मजे की बात ये है कि इस बेनामी कंपनी के डायरेक्टर हेम प्रकाश शर्मा वही हैं, जिसने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को हवाला के जरिये 2 करोड़ रुपये कालाधन बतौर चंदे के रूप में दिया था. ये खुलासा आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक और इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्य रह चुके नील टेरेंस हसलम ने किया है.
*कपिल सिब्बल भी घपले में शामिल*
दरअसल जितने कोंग्रेसी, वामपंथी व् आम आदमी पार्टी के नेता पीएनबी घोटाले को लेकर पीएम मोदी पर कीचड उछाल रहे हैं, उन सभी के नाम इस घोटाले से जुड़ रहे हैं. कोंग्रेसी नेता कपिल सिब्बल, जोकि राम मंदिर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रहे हैं, उन्होंने भी पीएम मोदी पर काफी कीचड उछाला, मगर अब उन्ही का नाम इस महाघोटाले से जुड़ गया है.
डाटा साइंटिस्ट गौरव प्रधान ने खुलासा किया है कि नीरव मोदी ने एमआर एमजीएफ में कपिल सिब्बल का घर खरीदने के लिए पैसे दिए थे, इस घर की कीमत करीब 200 करोड़ रुपये है और ये सिब्बल की बेनामी संपत्ति है. कपिल सिब्बल दिखाने के लिए इस घर में रहने के लिए एमआर एमजीएफ को 15 लाख रुपये महीने का किराया भी दे रहे थे, मगर गुपचुप तरीके से एमजीएफ वो पैसे कपिल को वापस कर देती थी.
उन्होंने बताया कि एमजीएफ का सम्बन्ध रोबर्ट वाड्रा के साथ है और एमआर को जब इस अवैध लेन-देन की जानकारी मिली तो उसने एमजीएफ के साथ पार्टर्नशिप ख़त्म कर दी. एमजीएफ कनिष्क सिंह की कंपनी है, जो अब प्रियंका गाँधी के साथ काम कर रही है.
गौरव प्रधान ने सवाल किया है कि राहुल गाँधी ने अपनी लंदन और बैंकाक यात्रा के दौरान नीरव मोदी से मुलाक़ात क्यों की थी, दोनों के बीच क्या डील हुई थी? इन यात्राओं के दौरान राहुल गाँधी ने SPG को भी साथ में नहीं रखा था, ताकि किसी तरह का रिकॉर्ड ना रहे.
कोंग्रेसी नेता रेणुका चौधरी के दोस्त हस्सान अली खान ने नीरव मोदी के एक सहयोगी के स्विट्ज़रलैंड के बैंक अकाउंट नंबर 35833342181 में 48 करोड़ रुपये क्यों जमा करवाए?
मेहुल चौकसी ने अपने सिंगापुर के बैंक अकाउंट से पी चिदंबरम के दुबई के बैंक अकाउंट नंबर DBS 24007007 में 14.5 करोड़ रुपये क्यों जमा करवाए?
उन्होंने दावा किया पीएनबी घोटाले के जरिये यदि नीरव मोदी हत्थे चढ़ जाता तो हथियारों के डीलर अदनान खाशोगगी, नीरव मोदी, हसन अली और पी चिदंबरम के आपसी संबंधों का पर्दाफ़ाश हो जाता, इसीलिए नीरव मोदी को भगा दिया गया.
वहीँ उन्होंने दावा किया है कि पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन का भी इस घपले में पूरा-पूरा हाथ है. जांच के बाद राजन भी जेल जा सकते हैं.
उन्होंने सवाल उठाया है कि गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया, नक्षत्रा, फॉरेस्टर डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, ये सभी पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की कंपनी मेसर्स चैस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के ग्राहक कैसे बन गए?
नीरव मोदी ने पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम को हीरे तोहफे में क्यों दिए? इसके बदले में चिदंबरम ने नीरव मोदी की क्या सहायता की थी?
कोंग्रेसी नेता अभिषेक सिंघवी की पत्नी अनीता सिंघवी, नीरव मोदी की कंपनी के मालिकाना हक़ वाली प्रॉपर्टी की डायरेक्टर कैसे बनी?
*काले कारोबारियों व् भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर की कांग्रेस ने खुली लूट*
इतने खुलासों से साफ़ है कि कांग्रेस के महाभ्रष्ट नेताओं ने पहले तो बैंकों के जरिये नीरव मोदी जैसे कुछ चुने हुए कारोबारियों को गैर कानूनी तरीके से लोन दिए, जिसमे आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने भी उनका साथ दिया. इसके बदले में नीरव मोदी जैसे इन कारोबारियों ने कोंग्रेसी नेताओं व् उनके परिजनों को करोड़ों-अरबों की घूस दी, उनके परिजनों को अपनी कंपनियों में ऊंचे ओहदे दिए.
कुल मिलाकर मिल बाँट कर सभी देश को लूटने में लिप्त रहे. मगर देश की जनता ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाकर इनका खेल बिगाड़ दिया. जैसे ही पीएम मोदी ने नोटबंदी की, सभी भ्रष्टाचारी एक सुर में रोने-चिल्लाने लगे. रघुराम राजन ने भी पद छोड़ने के बाद मीडिया में जाकर नोटबंदी के खिलाफ खूब दुष्प्रचार किया. दरअसल इन सभी भ्रष्टाचारियों को पता था कि आज नहीं तो कल उनके पापों का पर्दाफ़ाश होकर रहेगा.
बहरहाल अब जांच शुरू हो चुकी है और बैंक अधिकारियों के साथ-साथ वित्त मंत्रालय के कुछ अधिकारी भी जांच के घेरे में आ चुके हैं. धीरे-धीरे सारी पोल खुलती ही जायेगी, ऐसे में ये कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि देश के कई बड़े नेता व् कारोबारी इसी तरह से देश छोड़कर भाग सकते हैं.