Shame इसे इफ्तार पार्टी नहीं फिजूल खर्ची और मुफलिसों, मजबूरो की मजाक उड़ाना कहते है

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 हजारो इफ्तार पार्टीयाँ हुई करोडो रुपये खर्च हुए.
लेकिन एक तस्वीर ऐसी नहीं मिली जहां किसी गरीब, भूखे को बुलाया गया हो.
-अहेमद कुरेशी-
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