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बर्मा के रोहिंग्या मुसलमानों पर ज़ुल्म बढ़ता ही जा रहा है.हजारो लोगो का कत्लेआम हो चूका है और लाखो लोग अपने घरो को छोड़कर जंगल या बांग्लादेश की सीमा पर खोफ के साए में दिन गुजार रहे है.बर्मा की सरकार ने वहाँ के मासूम मुसलमानों पर सेन्य कार्यवाही की थी और अभी भी कर रही है.इनोसेंट नागरिको पर वहां की मिलिटरी ने गोलिया बरसाई और न जाने कितने मुसलमानों को जला कर मार दिया गया है.इतना होने के बाद भी दुनिया के देश इस पर खामोश बेठे हुए है.
ईरान और तुर्की की सेना बर्मा पर हमला करने के लिए तैयार
आखिर कबतक इन रोहिंग्या बेक़सूर मुसलमानों पर ऐसे जुल्म होते रहेंगे.लगता है UN ने अपनी आँखों पर पट्टी बाँध रखी है तभी तो तुर्की के सदर तय्यब एरदोगन और इरान के सदर हसन रूहानी ने UN को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर बर्मा पर जल्द कार्यवाही नहीं की तो तुर्की और इरान दोनों मिलकर बर्मा में अपनी सेना भेजेंगे और एक एक बुद्धिस्ट आंतकवादियों को खोज कर मारा जाएगा.एक भी आंतकवादी को जिन्दा नहीं छोड़ा जाएगा.
आखिर कबतक इन रोहिंग्या बेक़सूर मुसलमानों पर ऐसे जुल्म होते रहेंगे.लगता है UN ने अपनी आँखों पर पट्टी बाँध रखी है तभी तो तुर्की के सदर तय्यब एरदोगन और इरान के सदर हसन रूहानी ने UN को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर बर्मा पर जल्द कार्यवाही नहीं की तो तुर्की और इरान दोनों मिलकर बर्मा में अपनी सेना भेजेंगे और एक एक बुद्धिस्ट आंतकवादियों को खोज कर मारा जाएगा.एक भी आंतकवादी को जिन्दा नहीं छोड़ा जाएगा.
इससे पहले तुर्की ने बांग्लादेश से कहा था कि जो रोहिंग्या मुसलमान अपनी जान बचाकर आ रहे है उनको बांग्लादेश में शरण दी जाए और उनका जितना भी खर्च होगा वो तुर्की सरकार देगी.इसके बाद बांग्लादेश ने अपनी सरहदे रोहिंग्या लोगो के लिए खोल दी थी और अबतक लाखो मुसलमान बांग्लादेश की सरहद में दाखिल हो चुके है.और अभी भी लाखो की तादाद में वहाँ के मुसलमान मौत के साए में बॉर्डर के उस पार कैसे अपने दिन गुज़ार रहे है.अगर अब भी म्यांमार की सरकार रोहिंग्या मुसलमानों का कत्लेआम बंद नहीं करती है,तो लगता है तुर्की और इरान की जॉइंट मिलिट्री बर्मा पर हमले कर सकती है.अगर ऐसा हुआ तो बर्मा को इससे बहुत ज्यादा नुकसान होने वाला है.
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