वही दूसरी तरफ जहाँ बैलट पेपर से चुनाव हुआ है वहां निर्दलीय उम्मीदवार या फिर अन्य पार्टी के प्रत्याशी ने जीती हासिल की | अब इन चुनावों से यह बात सामने आ गयी की चुनाव में धांधली हो रही है |
हर तरफ से खुद को घिरता देख आखिरकार चुनाव आयोग ने एक फैसला लिया है जो हो सकता है वोटर को संतुष्ट करे, लेकिन विपक्षी दलों को नही| विपक्षी दलों की मांग है की वोटिंग बैलट पेपर से करवाई जाये| बहरहाल, पहले चुनाव आयोग क्या करने वाला है ये जान लेते है!
चुनाव आयोग ने ‘ईवीएम’ में गड़बड़ी के आरोपों के बाद बड़ा फैसला लिया है। गुजरात में विधानसभा चुनाव के दौरान वह प्रत्येक 182 विधानसाभाओं के किसी एक पोलिंग स्टेशन पर अचानक किसी मशीन का वोट काउंट और वोटर वैरिएबल पेपर ट्रेल ‘वीवीपीएटी’ की स्लिप की गिनती करेगा।
इसके अलावा मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘इससे पहले गोवा चुनावों में कुछ प्रत्याशियों ने आपत्तियां दर्ज की थी जिसके बाद चार पोलिंग स्टेशनों पर वीवीपैट स्लिप की गिनती की गई थी। यह गिनती मशीन की कंट्रोल यूनिट से 100 पर्सेंट मिल गई थी।’
बता दें कि यूपी के निकाय चुनाव के बाद वर्तमान समय में सोशल मीडिया पर भाजपा के पक्ष में ईवीएम में गड़बड़ी किए जाने के आरोप लगाने वाला एक विडियो वायरल हो रहा है।
इस विडियो के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘निकाय चुनाव संबंधित राज्यों के राज्य चुनाव आयोगों द्वारा कराए जाते हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग ने यूपी के निकाय चुनाव नहीं कराए हैं। उन्होंने M1 टाइप की ईवीएम का इस्तेमाल किया है जबकि हम चुनावों में उससे कहीं अडवांस M2 टाइप की ईवीएम का इस्तेमाल करते हैं।’ (साभार)