द्रोणाचार्य फिर मुस्कुराया है, अबकी बार जिव्हा माँगा है -पूनम लाल

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“3:00 मिनट में खत्म करो जो भी कहना है 3:00 मिनट से 1 मिनट भी अधिक नहीं दिया जाएगा….”
वे कहना शुरू करती हैं ….पर इतने कम समय में बात पूरी नहीं हो पाती …उन्हें बार-बार बैठने के लिए कहा जाता है …..वह फिर कहती हैं ….”
“मुझे पूरी बात तो करने दें”…
” कृपया मेरी बात तो सुनिए”….
“मेरी बात को सुना जाए “……
“मुझे अपनी बात तो रखने दें…..”
“ऐसे कैसे होगा ???”
….”नहीं ,नहीं ,आपके 3 मिनट पूरे हो गए अब आप बैठ जाइए …”
पीछे से लगातार हूटिंग चालू है …..😡
“अगर मुझे बोलने नहीं दे दोगे तो मेरा यहां बने रहने का क्या फायदा “
“आपका समय खत्म हो गया 3:00 मिनट कहा था आपने 5 मिनट ले लिया, अब आप बैठ जाइए”…. “आपका समय समाप्त हो गया…. नहीं, नहीं ,नहीं …बैठ जाइए!!
पर इतनी आसानी से हार मानने वाली कहां थी …..अपनी बुलंद आवाज में उसने अपनी बात कहना जारी रखा पर शीर्ष पर बैठा उस की विवशता पर मुस्कुरा रहा था …..
उसकी मुस्कान जले पर नमक छिड़कने जैसे थी….
उसकी इस चिढ़ाने वाली मुस्कान को वे बर्दाश्त नहीं कर पाईं और बोली …..
“यदि मैं अपने समाज के लोगों के हितों की भी बात नहीं रख सकती तो मुझे अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है ….मैं इस्तीफा देती हूं अपनी सदस्यता से “
और यह कहकर उन्होंने अपने हाथ में लिए पर्चे को हवा में गुस्से से फेंक दिया और उस मुस्कुराते चेहरे की ओर अपनी पीठ कर पलट कर चल दीं….
यह कोई आम मुस्कुराहट नहीं थी यह मुस्कुराहट थी अपने कुटिल चालों की जीत की….

यह मुस्कुराहट शायद #हैदराबाद की #रोहित #वेमुला पर थी …..
#उना की घटना पर थी….
#डेल्टा के ग्वाल पर थी…
यह मुस्कुराहट #सहारनपुर की घटना पर थी….

जाने उन पढ़े-लिखे संसद सदस्यों में कितने लोगों ने उस कुटिल मुस्कान का अर्थ समझा होगा !!!!

जरा विचार कीजिए 4 बार #मुख्यमंत्री रही….और #राज्यसभा की सदस्य को जब बोलने नहीं दिया गया और नजरअंदाज कर यह मुस्कान लगातार उपहास उड़ा रही थी …..
सत्ता पक्ष के लोग लगातार #हूटिंग करते रहे….
शायद यह पहले से ही तय था कि बोलने नहीं दिया जाएगा ….
फिर #सभापति महोदय जी ने अपने पद का भरपूर प्रयोग करते हुए 3 मिनट से अधिक ना बोलने का हिदायत दी थी …
3.00 को 5:00 मिनट तक #मायावती जी ने किसी तरीके से घसीट तो लिया पर लगातार शोर शराबा किया जाता रहा कि उनके शब्द तेज आवाज के बीच कहीं खो जाए …..
यानि कि सत्तापक्ष के लोग नहीं चाहते थे कि जिस समाज का वह प्रतिनिधित्व कर रही हैं… उनके हक की बात कही जाए , …..


आप नहीं चाहते कि जो ज्यादतियाँ आपने दबी कुचली जातियां पर करी हैं उनके विरुद्ध आवाज उठाई जाए …..
यानी कि येन-केन-प्रकारेण उनको कहीं भी आप बेइज्जत और लज्जित करना चाहते हैं ….
अब आप अंदाजा लगाइए कि जब मायावती जैसी शख्सियत को इस तरह से घेरकर बोलने से रोका जाता है तो मेरे और आपके जैसे साधारण इंसान कहां #थाह पाएगा…. ????
और …..उनकी इस सरकार में क्या #इज्जत होगी !!!
#मनुवादियों की #शोषित वर्गों के लोगों को पैरों तले कुचल देने की भूख ,#सुरसा की तरह मुंह फैलाए खडी है …और…. यह भूख को मिटाने के लिए जब तब #दलितों या #मुसलमानों की बलि दी जाती रही है ……यह भूख #रक्तबीज की तरह से द्रुतगति से सिर उठाती है और अधिक तेजी से उनको अपना #काल_ग्रास बनाने के लिए लालायित होती है….

ये मुस्कुराहट आज के द्रोणाचार्य की थी…
पूनम_मिर्ची

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