अपने घरों तक मे मौतों से भक्त इसलिए नही सुधर रहें क्योंकि मोदी की पूरी राजनीति धर्म और जाति की वर्चस्वता को मज़बूत बनाये रखने की है।
वे जानते हैं कि आस-पास की इन मौतों से कुछ नही होता, एक दिन कोरोना चला जायेगा लेकिन धर्म और जाति का वर्चस्व पीढ़ियों तक उनके लिए खुशियाँ सुनिश्चित करते रहेंगे।
इस बात की पुष्टि आप भक्तों के धर्म और जाति की पड़ताल से कर सकते हैं, इन्होंने डेमोक्रेसी में सेंध लगाकर ऑटोक्रेसी चलाने वाले विश्वगुरु को अपने धार्मिक विकास और आपके जातिय विनाश के लिए चुना है, फिर इस महामारी में चाहे वे खुद ही मौत की भेंट क्यों न चढ़ जाएं।
इसलिए आप हैरान होना बंद कर दीजिए कि इतने पढ़े-लिखे लोग अब भी कैसे भक्ति में लीन हैं, वे जानते हैं उनका भला किस पाले में बैठे रहने से होगा, याद रखें यह देश कृषि प्रधान नही, जाति प्रधान देश है।
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