कल लुधियाना के पंजाबी भवन में ‘राष्ट्रवाद- आधार, प्रभाव और प्रतिरोध’ विषय पर परिचर्चा हुई, मुझे मुख्य वक्ता बनाया गया था, आयोजन पल्स मंच द्वारा किया गया था, और अवसर था सोरेन्द्र हेमज्योति की यादगारी सप्ताह मनाने का,
पंजाब भर से किसान नेता, मजदूर संगठनों के वरिष्ठ साथी, महिला आंदोलन, और छात्र संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद रहे, मैनें बताया कि राष्ट्रवाद के नाम पर किस तरह देश में चल रहे न्याय और समानता की कोशिशों को कुचलने का षडयंत्र किया जा रहा है,
संघ के राष्ट्रवाद के प्रोजेक्ट के तहत किस तरह योजना बनाकर भारत में लोकतांत्रिक संस्थाओं को नष्ट किया जा रहा है, वरिष्ठ प्रगतिशील साहित्यकार ओमप्रकाश गासो को इस अवसर पर सम्मानित किया गया, तीन दिन पहले हम लोग जादव पुर विश्वविद्यालय में बस्तर में सरकारी दमन और आदिवासियों का प्रतिरोध पर एक चर्चा में मौजूद थे,
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